May 12, 2025

बेंगलुरु: 8 साल के मासूम बच्चे की हत्या, बोरी में बंद शव झील में फेंका !

बेंगलुरु में एक 8 साल के बच्चे की हत्या की खबर ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। यह घटना न केवल एक मासूम की हत्या का कारण बनी, बल्कि इसके पीछे छुपे हुए एक खौ़फनाक रिश्ते और बर्बरता की कहानी भी सामने आई है। पुलिस के लिए यह मामला जितना पेचीदा था, उतना ही दिल दहला देने वाला भी था। क्या वजह थी जिसने एक पड़ोसी को एक बच्चे की जान लेने पर मजबूर किया? इस घटना से जुड़े हर पहलु को जानने के लिए आगे पढ़ें।

बेंगलुरु के परपनअग्रहारा इलाके से एक 8 वर्षीय बालक रामानंद का शव बरामद हुआ। पुलिस ने बताया कि इस मासूम की हत्या कर उसका शव बोरी में बंद करके पास की झील में फेंक दिया गया था। शव को ढूंढने के लिए पुलिस ने काफी प्रयास किए और अंततः बच्चे के शव को बरामद कर लिया। यह मामला उस समय और भी रहस्यमय हो गया, जब पुलिस को पता चला कि इस हत्या के पीछे एक रिश्ते की पुरानी नफरत छिपी हुई थी।

आश्चर्य की बात यह थी कि बच्चे की हत्या उसके ही पड़ोसी ने की थी। पुलिस के अनुसार, रामानंद का अपहरण करने के बाद उसके पड़ोसी चन्देस्वर ने उसे हत्या कर दी। दोनों परिवारों के बीच लंबे समय से चल रहे झगड़े ने इस वारदात को जन्म दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद आरोपी की निशानदेही पर शव को झील से बरामद किया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।

ओडिशा में भी बच्चों के खिलाफ क्रूरता
यह पहली बार नहीं था जब किसी बच्चे के साथ इस तरह की बर्बरता हुई हो। अप्रैल महीने में ओडिशा के पुरी जिले में भी एक ऐसी ही भयावह घटना सामने आई थी। यहां एक चाचा ने अपने 11 वर्षीय भतीजे की निर्मम हत्या कर दी और शव को सेप्टिक टैंक में छिपा दिया। आरोपित ने इस दौरान बच्चे के गुप्तांग को भी काट दिया था। यह घटना डेलंग थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव की थी। 15 अप्रैल से लापता आशीर्वाद साहू का शव कुछ दिन बाद उसके चाचा के घर के सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था। शव को बुरी तरह से क्षत-विक्षत किया गया था और यह घटना भी बच्चों के खिलाफ हो रही बढ़ती हिंसा का दर्दनाक उदाहरण बन गई।

इन दोनों घटनाओं ने समाज के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों के खिलाफ बढ़ते हुए अपराधों के प्रति लोगों का गुस्सा और चिंता जाहिर हो रही है। यह सवाल उठने लगा है कि आखिर एक इंसान इतनी नफरत और क्रूरता कैसे दिखा सकता है कि वह मासूम बच्चों की जान ले ले। कई लोग इस बारे में यह भी कह रहे हैं कि बच्चों को सुरक्षा देने के लिए पुलिस को सख्त कदम उठाने की जरूरत है और सरकार को इस दिशा में विशेष ध्यान देना चाहिए।

इन घटनाओं से साफ तौर पर यह दिखता है कि छोटी-छोटी बातों का खामियाजा कभी-कभी मासूम बच्चों को भुगतना पड़ता है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और कड़ी सजा बच्चों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने में सहायक हो सकती है।

इस तरह के अपराधों के खिलाफ समाज और सरकार दोनों को मिलकर एक ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि बच्चों को सुरक्षा मिल सके और ऐसे बर्बर कृत्य रोकने में सफलता प्राप्त हो सके।

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