भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में डिसइंगेजमेंट पूरा, क्या सीमा पर शांति कायम रखने की प्रक्रिया सफल होगी?
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में सीमा पर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस महत्वपूर्ण विकास के बाद, दोनों देशों की सेनाओं ने पेट्रोलिंग का दौर भी सफलतापूर्वक पूरा किया है। अब दोनों पक्षों ने हर हफ्ते एक समन्वित गश्त पर सहमति जताई है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया प्रभावी रूप से लागू हो।
समझौते के तहत, दोनों सेनाएं इन क्षेत्रों में अस्थायी ढांचों को हटाने पर भी सहमत हुई हैं, जिससे सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों को और बल मिलेगा। रक्षा सूत्रों के अनुसार, अब भारतीय और चीनी सैनिक अलग-अलग दिनों में गश्त करेंगे, ताकि किसी भी पक्ष को टकराव का सामना न करना पड़े।
इस प्रक्रिया के साथ-साथ, एलएसी पर स्थानीय कमांडरों के बीच लगातार बातचीत जारी रहेगी, जिससे किसी भी नए विवाद का शांति से समाधान किया जा सके। इस बीच, दिवाली के अवसर पर 31 अक्टूबर को दोनों देशों के सैनिकों ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया, जो सीमा पर सौहार्दपूर्ण संबंधों की ओर एक सकारात्मक कदम था।
यह कदम उस समय आया है जब 2020 में गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के बाद भारत-चीन के रिश्तों में तनाव काफी बढ़ गया था। दोनों देशों ने अब तक इस तनाव को कम करने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। क्या डिसइंगेजमेंट की यह प्रक्रिया आगे भी शांति बनाए रख पाएगी? यह सवाल अब भी खुले हैं।
Share this content: