फारूक अब्दुल्ला के काफिले की गाड़ी दौसा में हुई हादसे का शिकार: दिल्ली पुलिस के जवान घायल, NHAI पर सवाल उठे
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के काफिले में शामिल एक गाड़ी शुक्रवार को राजस्थान के दौसा में सड़क हादसे का शिकार हो गई। यह दुर्घटना उस समय हुई जब फारूक अब्दुल्ला दिल्ली से अजमेर जियारत के लिए जा रहे थे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हुए इस हादसे में दिल्ली पुलिस के दो जवान घायल हो गए, जबकि गाड़ी का आगे का हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। यह हादसा न केवल वीआईपी सुरक्षा में खामी की ओर इशारा करता है, बल्कि एक्सप्रेसवे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
हादसा कैसे हुआ:
जानकारी के मुताबिक, फारूक अब्दुल्ला के काफिले में शामिल दिल्ली पुलिस की एक एस्कॉर्ट गाड़ी भांडारेज इंटरचेंज के पास सड़क हादसे का शिकार हो गई। काफिले के चलते अचानक एक गाय सड़क पर आ गई, जिससे गाड़ी को बचाने के प्रयास में यह दुर्घटना घटी। गाड़ी का सामने का हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और गाड़ी के एयरबैग खुल गए, जिससे वाहन में सवार लोग बाल-बाल बच गए। हालांकि, हादसे में दिल्ली पुलिस के दो जवान घायल हो गए, जिनमें एक ड्राइवर और एक कंडक्टर शामिल थे। दोनों को तत्काल दौसा जिला अस्पताल लाया गया, जहां हल्की चोटों के बाद उन्हें इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
NHAI की लापरवाही पर सवाल:
इस हादसे के बाद एक्सप्रेसवे की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को एक सुरक्षित और तेज़ मार्ग के रूप में प्रचारित किया जाता है, लेकिन इस घटना ने उसकी सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक्सप्रेसवे पर गाय के अचानक आ जाने को लेकर NHAI की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। यह घटना उस सुरक्षा का संकेत देती है, जिस पर अक्सर दावा किया जाता है, लेकिन घटनाओं के बाद यह साबित हो रहा है कि एक्सप्रेसवे की सुरक्षा और उसकी देखरेख में बड़ी लापरवाही हो सकती है।
सुरक्षा में सेंध:
वीआईपी सुरक्षा में खामी सामने आने के बाद यह घटना एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस प्रकार की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोग जवाबदेह होंगे। दिल्ली पुलिस के काफिले का सुरक्षा इंतजाम मजबूत होने के बावजूद हादसा हो गया, जिससे सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताई जा रही है। यह हादसा न केवल वीआईपी सुरक्षा की कमजोरी को उजागर करता है, बल्कि एक्सप्रेसवे के रख-रखाव और उसकी देखभाल के मुद्दों पर भी सवाल खड़े करता है।
नतीजा:
यह हादसा सड़क सुरक्षा, गाड़ी के सुरक्षा उपकरणों, और बड़े एक्सप्रेसवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं की अहमियत को फिर से रेखांकित करता है। एक्सप्रेसवे की सुरक्षा और उसके रख-रखाव को लेकर अधिकारियों को और ज्यादा सतर्क और जिम्मेदार होने की जरूरत है। अब देखना यह होगा कि इस घटना के बाद NHAI और अन्य संबंधित विभाग इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।
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