महाराष्ट्र की सियासत में हलचल – राज ठाकरे और शरद पवार के फैसले पर टिकी सबकी नजरें

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मंगलवार को शिवतीर्थ स्थित अपने निवास पर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में आगामी मुंबई महानगरपालिका और राज्य के 16 महानगरपालिकाओं के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन की संभावनाओं को साधने के लिए एक समन्वय समिति बनाने की योजना बनाई जा रही है।

 

राज ठाकरे ने बैठक में कहा कि विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन से दूरी का कारण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे थे, जो गठबंधन में MNS को शामिल नहीं करना चाहते थे। हालांकि, MNS पदाधिकारी चाहते हैं कि स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन किया जाए।

 

बीजेपी की रणनीति क्या?

 

बीजेपी भी महानगरपालिका चुनाव में राज ठाकरे के कट्टर हिंदू-मराठी ब्रांड को भुनाना चाहती है, जिससे उद्धव ठाकरे के शिवसेना समर्थक वोट महायुति के पक्ष में खिंच सकें।

 

दूसरी ओर शरद पवार की रणनीति

 

8 और 9 जनवरी को साउथ मुंबई के वाई बी चव्हाण सभागृह में शरद पवार की एनसीपी की दो दिवसीय बैठक होगी। बैठक में पार्टी के कई नेता अजित पवार के साथ जाने की वकालत करेंगे। अजित पवार ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन शरद पवार खुद एनसीपी को अजित पवार के साथ मर्ज करने को तैयार नहीं हैं।

 

सूत्रों के अनुसार, 9 जनवरी को शरद पवार मीडिया के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं। वहीं, अजित पवार जल्द ही दिल्ली जाकर बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।

 

महाराष्ट्र की राजनीति में ये घटनाक्रम भविष्य के गठबंधनों और समीकरणों को लेकर कई नए सवाल

खड़े कर रहा है।

 

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