भारत सरकार ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग को नकारते हुए उनका वीजा बढ़ा दिया है, जिससे वह फिलहाल भारत में ही रहेंगी। यह महत्वपूर्ण फैसला उस समय लिया गया जब बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत से अनुरोध किया था। भारत ने बिना सीधे तौर पर प्रत्यर्पण को नकारे, बांग्लादेश को अप्रत्यक्ष रूप से यह संदेश दिया कि फिलहाल हसीना का प्रत्यर्पण नहीं किया जाएगा।
शेख हसीना का पासपोर्ट पहले ही रद्द कर दिया गया था और बांग्लादेश सरकार ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। बावजूद इसके, भारतीय गृह मंत्रालय ने हसीना के वीजा की समयसीमा को बढ़ा दिया है, और अब वह भारत की राजधानी दिल्ली में रह रही हैं।
77 वर्षीय शेख हसीना ने 5 अगस्त को ढाका से भारत का रुख किया था, जब बांग्लादेश में सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा था। अब, जब बांग्लादेश ने दिसंबर में उनका प्रत्यर्पण करने के लिए भारत से अनुरोध किया था, भारत ने उनके वीजा की अवधि बढ़ा कर बांग्लादेश को स्पष्ट संकेत दिया है कि वह इस मामले में कदम नहीं बढ़ाएगा।
भारत का यह कदम बांग्लादेश सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, और यह देखना होगा कि बांग्लादेश इस मुद्दे पर आगे क्या कार्रवाई करता है। इस फैसले के बाद, शेख हसीना का भारत में रहना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम बन चु
का है।