प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 जनवरी को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होंगी, और तीन दिवसीय इस भव्य सम्मेलन का समापन राष्ट्रपति द्वारा 10 जनवरी को होगा। सम्मेलन की शुरुआत 8 जनवरी को युवा प्रवासी भारतीय दिवस के साथ होगी। यह एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि सम्मेलन में देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे और यह कार्यक्रम ओडिशा के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
राज्य सरकार द्वारा कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरण में हैं, और शनिवार को ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने इस आयोजन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि समय रहते सभी कार्यों को पूरा किया जाए, ताकि सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित किया जा सके। सम्मेलन में करीब 7,500 से अधिक लोग, जिनमें स्थानीय प्रतिभागी भी शामिल होंगे, भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का शेड्यूल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जनवरी को रात 8 बजे विशाखापट्टनम से भारतीय वायुसेना के विमान से भुवनेश्वर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां वह राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन, 9 जनवरी को सुबह 10 बजे पीएम मोदी जनता मैदान में पहुंचेंगे, जहां वे प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन के बाद, पीएम मोदी उसी दिन दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे, हालांकि उनके कार्यक्रम के दौरान इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में उनकी उपस्थिति को लेकर उम्मीदें काफी उच्च हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कार्यक्रम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 9 जनवरी को शाम 4:35 बजे भुवनेश्वर पहुंचेंगी। वह 10 जनवरी को सम्मेलन के समापन सत्र में प्रमुख अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू से मुलाकात करेंगी। कार्यक्रम के दौरान वह प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार भी प्रदान करेंगी और शाम 5:25 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत और महत्व
प्रवासी भारतीय दिवस भारत सरकार द्वारा हर दो साल में 9 जनवरी को मनाया जाता है, हालांकि इसे पहले हर साल मनाया जाता था, लेकिन 2015 में इसे संशोधित किया गया। इस दिन को मनाने की शुरुआत 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की घोषणा के बाद हुई थी। यह दिन खासतौर से महात्मा गांधी के भारत वापसी के दिन 9 जनवरी 1915 की याद में मनाया जाता है, जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था।
इस सम्मेलन में विदेशों में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए असाधारण योगदान को मान्यता दी जाती है और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। यह दिन न सिर्फ प्रवासी भारतीयों के योगदान को सराहने का अवसर है, बल्कि भारतीय सरकार और प्रवासी समुदाय के बीच मजबूत संबंधों की नींव रखने का भी एक मौका है।
संभावित प्रभाव और भविष्य के संबंध
इस सम्मेलन से भारत और विदेशों में रह रहे भारतीयों के बीच संबंध और भी मजबूत हो सकते हैं, खासकर आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं में। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू की उपस्थिति इस आयोजन को और भी खास बना रही है, और देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग इसे लेकर उत्साहित हैं। यह सम्मेलन ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक अवसर साबित हो सकता है, जो राज्य को अंतरराष्ट्रीय ध्यान और पहचान दिलाने में मदद करेगा।