गाजा युद्ध को 450 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन इजराइल में अभी तक युद्धबंदियों की रिहाई नहीं हो पाई है। इस कारण देशभर में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शनिवार को, इजराइली पुलिस ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार किया। ये प्रदर्शन तब हो रहे हैं जब बंधकों के परिवारों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ आवाज उठाई है और उनसे युद्धबंदियों के जल्द वापसी की मांग की है।
इससे पहले, तेल अवीव में इजराइली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग के निवास के बाहर भी बंधक के परिजनों ने प्रदर्शन किया था और सरकार से दबाव डाला कि वह बंधक डील को अंतिम रूप दे। शनिवार को करीब 70 जगहों पर प्रदर्शन हुए, जहां प्रदर्शनकारियों ने दोहा वार्ता में तेजी लाने और कैदियों की अदला-बदली को जल्द अमल में लाने का आह्वान किया।
इन प्रदर्शनों में सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन तेल अवीव, जेरूसलेम और हाइफा में हुए, जिनमें तेल अवीव में सुरक्षा मंत्रालय की ओर जाने वाली सड़क पर जाम लग गया। इजराइली बंदी परिवारों की कमेटी ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह युद्ध समाप्त नहीं करना चाहते और इसे और लंबा खींचने के लिए अभियान चला रहे हैं।
वहीं, इजराइली नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता बेनी गेंट्ज़ ने भी प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि बेंजामिन नेतन्याहू के लिए अपनी सरकार का बचा रहना बंधकों की वापसी से कहीं ज्यादा अहम है।
इस स्थिति में गुस्सा और बढ़ा जब हमास की सैन्य विंग अल कस्साम ने 19 साल की इजराइली बंदी एलबाग का एक वीडियो जारी किया, जिसमें उसने पीएम नेतन्याहू को अपनी हिरासत का जिम्मेदार ठहराया है। यह वीडियो और उसके बाद हुए प्रदर्शन इस बात का संकेत दे रहे हैं कि इजराइल के भीतर गाजा युद्ध और बंधकों की रिहाई को लेकर गहरी नाराजगी और तनाव का माहौल बनता जा रहा है।