2023 की सर्दियों में थाईलैंड और मलेशिया ने भारतीय नागरिकों के लिए वीज़ा-फ्री एंट्री की सुविधा शुरू की, जिससे भारतीय पर्यटकों के बीच इन देशों के प्रति आकर्षण में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई। इस पहल का सीधा असर फ्लाइट्स की संख्या पर पड़ा है, और दोनों देशों के लिए उड़ानों में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ये आंकड़े 2024 की चौथी तिमाही में सामने आए हैं, जिसमें कुल 14,409 फ्लाइट्स का संचालन हुआ।
चीन के आर्थिक मंदी से प्रभावित होने के बाद भारत में यात्रा के प्रति रुचि में वृद्धि
चीन में महामारी के बाद आर्थिक सुधार की प्रक्रिया धीमी होने के कारण दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में पर्यटन पर प्रतिकूल असर पड़ा था। लेकिन भारतीय पर्यटकों के लिए यह साल अच्छा साबित हुआ है। भारतीय टूरिस्टों ने दक्षिण-पूर्व एशिया के अलावा मध्य एशिया और काकेशस क्षेत्रों में भी रुचि दिखायी है, जिससे भारतीय पर्यटकों के वैश्विक यात्रा पैटर्न में सकारात्मक बदलाव आया है।
भारत-थाईलैंड और मलेशिया के बीच एयर ट्रेफिक में वृद्धि
वीजा-फ्री स्कीम के एक साल बाद, थाईलैंड और मलेशिया ने भारतीय पर्यटकों की बढ़ती संख्या से संतुष्ट होकर इस सुविधा को और विस्तारित करने का निर्णय लिया है। आंकड़ों के अनुसार, भारत और थाईलैंड के बीच जनवरी से मार्च 2024 तक 9821 फ्लाइट्स का संचालन हुआ, जबकि भारत-मलेशिया फ्लाइट्स की संख्या 6301 तक पहुंच गई।
कौन-कौन सी फ्लाइट्स चला रही हैं?
भारत और थाईलैंड-मलेशिया के बीच उड़ानों की बढ़ती संख्या के साथ कई प्रमुख एयरलाइंस ने नई उड़ान सेवाओं की शुरुआत की है। इन फ्लाइट्स के संचालन से यात्रियों को अधिक विकल्प मिल रहे हैं:
- इंडिगो की चेन्नई-पेनांग और बेंगलुरु-लंगकावी उड़ानें,
- एयर इंडिया एक्सप्रेस की पुणे, लखनऊ, सूरत, और अमृतसर से बैंकॉक की उड़ानें,
- एयर इंडिया की दिल्ली-कुआलालंपुर और दिल्ली-फुकेत सेवाएं,
- थाई एयरएशिया एक्स की दिल्ली और बैंकॉक के बीच उड़ानें,
- थाई एयरएशिया की हैदराबाद-बैंकॉक और चेन्नई-फुकेत उड़ानें,
- एयरएशिया की कुआलालंपुर-पोर्ट ब्लेयर सेवा,
- मलेशिया एयरलाइंस की कुआलालंपुर से अमृतसर, तिरुवनंतपुरम, अहमदाबाद और कोलकाता की उड़ानें।
इंडिगो ने भी हाल ही में अपनी चेन्नई-पेनांग सेवा शुरू की है, जिसके बाद अब यह एयरलाइन भारत के दो शहरों से मलेशिया के लिए 28 साप्ताहिक उड़ानें संचालित करेगी।
भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच बढ़ती कनेक्टिविटी का भविष्य
वीजा-फ्री योजना के परिणामस्वरूप भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच यात्रा में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है, जिससे पर्यटन, व्यापार और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। आने वाले समय में, यह वृद्धि और भी तेज़ होने की संभावना है, जिससे भारतीय और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलेगी।
यात्रा उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि वीजा-फ्री स्कीम की सफलता के बाद, यह सुविधा अन्य देशों तक भी फैल सकती है, जिससे भारतीय पर्यटकों के लिए नए दरवाजे खुल सकते हैं।