इंटेलिजेंस शेयरिंग पर गूगल और फेसबुक के साथ I4C का करार, पिग बुचरिंग स्कैम से बचाव की दिशा में बड़ा कदम

भारत में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (I4C) ने गूगल और फेसबुक से एक अहम समझौता किया है, जिसके तहत इन कंपनियों के साथ इंटेलिजेंस शेयरिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह करार विशेष रूप से पिग बुचरिंग स्कैम से निपटने के लिए किया गया है, ताकि साइबर ठगों द्वारा किए जा रहे इस तरह के अपराधों को तत्काल रोकने के उपाय किए जा सकें। गृह मंत्रालय ने पहले ही पिग बुचरिंग स्कैम के बढ़ते मामलों को लेकर जनता को चेतावनी जारी की थी, और इस कदम को उसी दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

पिग बुचरिंग: साइबर ठगी का नया रूप

पिग बुचरिंग एक प्रकार की साइबर ठगी है, जिसमें ठग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और मैसेंजर ऐप्स का इस्तेमाल करते हुए लोगों को धोखा देते हैं। इस स्कैम के तहत साइबर ठग आकर्षक निवेश अवसरों या रोमांटिक रिश्तों के झांसे में फंसा कर अपने शिकार से पैसे ठगते हैं। इन अपराधियों का मुख्य उद्देश्य शिकार के पैसे को धोखे से हड़पना होता है। इस स्कैम में ठग लोगों को क्रिप्टो करेंसी और अन्य निवेश में पैसा लगाने के लिए प्रेरित करते हैं और शुरुआत में भारी मुनाफे का लालच देते हैं, ताकि शिकार इस जाल में फंस जाए।

साइबर ठगों का नया तरीका: छात्रों और बेरोजगार युवाओं को निशाना

अधिकारियों के अनुसार, पिग बुचरिंग के अपराधी खासतौर पर छात्रों, गृहिणियों और बेरोजगार युवाओं को अपना शिकार बना रहे हैं। ये ठग सोशल मीडिया पर इन वर्गों को निशाना बनाते हैं और आकर्षक योजनाओं का लालच देकर उन्हें फंसाते हैं। गृह मंत्रालय ने इन मामलों के बढ़ने के कारण विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी है। ठगों का modus operandi काफी चालाकी से काम करता है, और पिग बुचरिंग के मामले में गूगल सर्विस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे ठगी को और भी आसान बनाया जा रहा है। इसके अलावा, फेसबुक पर अवैध लोन ऐप्स के जरिए भी ठग अपनी धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं।

पिग बुचरिंग स्कैम से बचने के उपाय: क्या करें?

अगर आप पिग बुचरिंग स्कैम से बचना चाहते हैं, तो आपको कुछ खास एहतियात बरतने होंगे। सबसे पहले, यदि आपको किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क मिलता है जिसे आप नहीं जानते हैं, तो उनके दावों पर शंका करें। यदि कोई व्यक्ति आपको निवेश के अच्छे अवसर के बारे में बताता है, तो इसकी पूरी जांच करें। यह सुनिश्चित करें कि वह अवसर वास्तविक है और किसी प्रकार की धोखाधड़ी का हिस्सा नहीं है। इसके अलावा, व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक खाता नंबर या क्रेडिट कार्ड विवरण को किसी अनजान व्यक्ति से साझा न करें। यदि आपको किसी संदिग्ध गतिविधि का सामना हो, तो तुरंत उसकी रिपोर्ट करें।

I4C का कदम: साइबर अपराधियों के खिलाफ नया मोर्चा

I4C द्वारा गूगल और फेसबुक के साथ किए गए इंटेलिजेंस शेयरिंग के करार को एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि इस सहयोग के माध्यम से साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी। इस पहल से पिग बुचरिंग स्कैम और अन्य साइबर अपराधों की पहचान करना और इन्हें रोकना आसान होगा। I4C का यह कदम साइबर सुरक्षा को बेहतर बनाने और लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

क्या आगे की कार्रवाई होनी चाहिए?

इस नए करार के बाद, उम्मीद जताई जा रही है कि साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म और मैसेंजर ऐप्स पर इस तरह के अपराधों की रोकथाम के लिए आईटी मंत्रालय और साइबर सुरक्षा विभाग द्वारा अतिरिक्त निगरानी की आवश्यकता है। साथ ही, इस स्कैम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने की जरूरत है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस धोखाधड़ी से बच सकें और ठगों के जाल में फंसने से बचें।

पिग बुचरिंग स्कैम अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और इसके प्रभावी समाधान के लिए सरकारी एजेंसियां, सोशल मीडिया कंपनियां और आम जनता को मिलकर इस मुद्दे पर काम करना होगा।

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