पटना के गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर का आमरण अनशन जारी है, लेकिन इस बार उनका धरना एक नए विवाद में घिरता हुआ नजर आ रहा है। जहां एक तरफ प्रशांत किशोर BPSC छात्रों के लिए न्याय की मांग करते हुए धरने पर बैठे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी वैनिटी वैन ने राजनीति में भूचाल मचा दिया है। आरोप लग रहे हैं कि जिस वैनिटी वैन में प्रशांत किशोर आराम करते हैं, उसकी कीमत 4 करोड़ रुपये है और इसका एक दिन का किराया 25 लाख रुपये बताया जा रहा है। यह एक ऐसा मामला बन गया है, जो विपक्षी दलों को लगातार हमला करने का मौका दे रहा है।
वैनिटी वैन में छिपे रहस्यों का खुलासा
सफेद रंग की यह वैनिटी वैन, जिसे बॉलीवुड के सितारे इस्तेमाल करते हैं, गांधी मैदान के एक कोने में खड़ी दिखती है। पंजाब की नंबर प्लेट वाली इस वैनिटी वैन को डिजाइन किया है मशहूर वाहन डिजायनर दिलीप छाबड़िया ने। वैन में मौजूद सुविधाएं एक 5 स्टार होटल जैसी हैं – आरामदायक बिस्तर, सोफा सेट, वीआईपी बाथरूम, वाई-फाई और कई अन्य लग्जरी सुविधाओं से लैस यह वैन किसी भी आम आदमी के लिए कल्पना से बाहर है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि जिन समस्याओं को लेकर प्रशांत किशोर गांधी मैदान में धरना दे रहे हैं, क्या उन्हीं मुद्दों के बीच इतनी महंगी वैनिटी वैन का इस्तेमाल करना सही है? विपक्षी दल, विशेषकर आरजेडी और बीजेपी, इस वैन पर लगातार सवाल उठा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि प्रशांत किशोर ने इस वैनिटी वैन के लिए इतना पैसा कहां से जुटाया? क्या यह राजनीति का एक नया तरीका है, जहां जनता के बीच खुद को महिमामंडित करने के लिए ऐसे भव्य और महंगे खर्च किए जाते हैं?
प्रशांत किशोर का सफाई में बयान
प्रशांत किशोर ने इस विवाद पर अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वैनिटी वैन में कुछ भी खास नहीं है और यह उन्हें किसी ने गिफ्ट के रूप में दी है। हालांकि, उनकी बातों में थोड़ा विरोधाभास तब दिखा जब यह जानकारी सामने आई कि उनकी कंपनी के लोग वैनिटी वैन की पूरी पहरेदारी कर रहे हैं। जब मीडिया या कोई अन्य व्यक्ति इस वैनिटी वैन का फोटो और वीडियो लेने की कोशिश करता है, तो उनके लोग उलझ जाते हैं, जो स्थिति को और जटिल बना देता है।
प्रशांत किशोर का कहना था कि उनका ध्यान BPSC छात्रों के मुद्दे पर है और इस वैनिटी वैन का उनके संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन विपक्षी दल इसे उनकी राजनीति की चमक-दमक के तौर पर देख रहे हैं, जिसमें जनता के हितों के बजाय व्यक्तिगत फायदे और प्रचार की ओर इशारा किया जा रहा है।
विपक्षी दलों का आक्रामक रुख
विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि इस वैनिटी वैन की कीमत और उसके भव्यता को देखकर यह स्पष्ट होता है कि प्रशांत किशोर किस तरह की राजनीति में शामिल हो गए हैं। जबकि एक ओर वे आम लोगों के मुद्दों पर धरने पर हैं, वहीं दूसरी ओर इतनी महंगी वैन का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या यह जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं है? इस सवाल का जवाब प्रशांत किशोर को देना होगा। विपक्ष का मानना है कि उनकी राजनीति में दिखावा और महंगी जीवनशैली की झलक साफ दिखती है, जो जनता की समस्याओं के लिए असंवेदनशीलता का प्रतीक हो सकती है।
प्रशांत किशोर की राजनीति पर उठे सवाल
प्रशांत किशोर का यह आमरण अनशन और वैनिटी वैन का विवाद एक नया मोड़ ले चुका है। जहां एक ओर वे खुद को समाज के लिए एक समर्पित नेता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस वैनिटी वैन ने उनकी राजनीति और उद्देश्य पर सवाल खड़ा कर दिया है। उनके समर्थकों का कहना है कि यह सब सिर्फ एक व्यक्तिगत सुविधा का मामला है, लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि इसका इससे कहीं ज्यादा राजनीतिक उद्देश्य हो सकता है।
क्या यह वैनिटी वैन प्रशांत किशोर की राजनीतिक यात्रा के नए अध्याय का हिस्सा है या फिर यह सिर्फ एक विवाद है, जो उनकी साख को कमजोर करेगा? अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि इस विवाद से प्रशांत किशोर खुद को कैसे निकालते हैं और इस पर उनका अगला कदम क्या होगा।