मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का अहम ऐलान: यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर सरकार का निर्णय, जनता के हित में उठाया गया बड़ा कदम!

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक बार फिर महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसे लेकर प्रदेशभर में हलचल मच गई है। यूनियन कार्बाइड के कचरे के मामले में मची अफरातफरी को लेकर मुख्यमंत्री ने जनता से सीधे संवाद करते हुए राज्य सरकार के दृढ़ रुख को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के हितों की रक्षा के लिए हर हाल में प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार का अहित बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “हम जनता के साथ मजबूती से खड़े हैं। किसी भी तरह से जनता को नुकसान पहुंचाना हम बिल्कुल भी सहन नहीं करेंगे। यह मुद्दा माननीय न्यायालय के समक्ष लाया जाएगा और न्यायालय के आदेश के तहत ही कोई भी कार्यवाही की जाएगी।”

उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को समझें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार हमेशा जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता देती है और किसी भी तरह की अफवाहों या भ्रम में न आएं।

मुख्यमंत्री ने बैठक में उठाया अहम मुद्दा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें यूनियन कार्बाइड के कचरे के परिवहन और पीथमपुर के पास इसके डंपिंग और निष्पादन से संबंधित कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, वरिष्ठ सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, प्रमुख सचिव विधि समेत अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार सुरक्षा मापदंडों का पालन करेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और हाईकोर्ट के आदेश के तहत यूनियन कार्बाइड का कचरा निर्धारित स्थान पर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में पूरी प्रक्रिया न्यायालय के आदेश और निर्देशों के अनुसार ही की जा रही है और कोई भी कदम उठाने से पहले सुरक्षा मापदंडों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि न्यायालय ने 4 जनवरी तक कचरे को निर्धारित स्थान पर पहुंचाने का निर्देश दिया था और 6 जनवरी तक इसकी रिपोर्ट भी अपेक्षित है। इस परिप्रेक्ष्य में कचरे का परिवहन किया जा रहा है और सरकार पूरी तरह से न्यायालय के आदेशों के अनुसार कार्य कर रही है।

सरकार का रुख: सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यदि सुरक्षा मापदंडों पर कोई सवाल उठता है या जनता के बीच कोई डर पैदा होता है, तो राज्य सरकार इस मामले को तुरंत माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी। इसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार न्यायालय के आदेश का पूरी तरह पालन करेगी और किसी भी प्रकार की गतिविधि तब तक आगे नहीं बढ़ेगी जब तक न्यायालय से कोई नया निर्देश प्राप्त नहीं होता।

जनता की सुरक्षा और हित सबसे पहले: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश सरकार हमेशा जनता की सुरक्षा और हितों को प्राथमिकता देती है। इस संदर्भ में वे सभी निर्देशों का पालन करते हुए कोई भी निर्णय लेने में संकोच नहीं करेंगे। उनका उद्देश्य केवल जनता की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

यूनियन कार्बाइड के कचरे के परिवहन और निष्पादन की प्रक्रिया में सरकार की तत्परता और संवेदनशीलता को लेकर मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि कोई भी निर्णय बिना न्यायालय के आदेश के नहीं लिया जाएगा और जनता को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होने दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद, प्रदेशवासियों में यह सवाल उठ रहा है कि इस मामले में अगला कदम क्या होगा। अब सबकी निगाहें न्यायालय के आदेश पर टिकी हैं, जो 6 जनवरी तक आने की संभावना है।

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