बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: फरार ठेकेदार के ठिकानों पर पुलिस का बड़ा एक्शन, फार्म हाउस समेत कई संपत्तियां रौंदी गईं, गिरफ्तारियों के बाद सामने आईं हैरान करने वाली बातें!

बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में फरार चल रहे ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने शनिवार को जोरदार कार्रवाई की। प्रशासनिक टीम ने ठेकेदार के अवैध ठिकानों को चिन्हित कर बुलडोजर चलाकर उन्हें ढहा दिया, जिनमें वह फार्म हाउस भी शामिल था, जहां से पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके सहयोगियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है, जबकि मुकेश चंद्राकर का अंतिम संस्कार उनके परिजनों ने बड़े धूमधाम से किया।

फार्म हाउस और अवैध संपत्तियों पर प्रशासन का एक्शन

पुलिस और प्रशासन की टीम ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस पर छापेमारी की, जो कि नजूल की अवैध संपत्ति पर बना हुआ था। प्रशासनिक टीम ने पहले फार्म हाउस का बिजली कनेक्शन काटा और फिर बुलडोजर के माध्यम से पूरे ढांचे को गिराने का काम शुरू कर दिया। इस फार्म हाउस के अंदर से कुछ और अहम जानकारी सामने आई। पुलिस ने जब फार्म हाउस की तलाशी ली, तो उन्हें वहां कुल 21 सीसीटीवी कैमरे मिले थे, जिनमें से 16 कैमरे अभी भी मौजूद थे, जबकि 5 कैमरे गायब थे। पुलिस ने इन 16 कैमरों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, प्रशासन ने मौके पर खड़ी सभी गाड़ियों को जब्त कर लिया और उनकी जांच भी शुरू कर दी।

तीन आरोपियों की गिरफ्तारी, सुरेश चंद्राकर की तलाश जारी

इस मामले में मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर अभी भी फरार है, लेकिन पुलिस ने उसके भाई रितेश चंद्राकर और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, रितेश चंद्राकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसके दोनों साथियों को बीजापुर से पकड़ा गया है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हत्या की पूरी वारदात को कबूल कर लिया है, लेकिन अभी तक उन्होंने इस हत्या को अंजाम देने की असली वजह नहीं बताई है। पुलिस का कहना है कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद ही इस हत्या के पीछे की असली वजह सामने आएगी।

बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव के अनुसार, सुरेश चंद्राकर के बारे में कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि उसे जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने इस मामले में हर पहलू की जांच करते हुए मामले को सुलझाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

पत्रकार की हत्या पर गम और श्रद्धांजलि

वहीं, पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद उनके परिजनों ने श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया। इस दौरान बीजापुर के एसपी, कलेक्टर और डीआईजी सहित हजारों लोग मौजूद थे जिन्होंने मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी। इस हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है, और स्थानीय लोग अब इस वारदात के आरोपी ठेकेदार की गिरफ्तारी का इंतजार कर रहे हैं।

क्या था हत्या का असली कारण?

यह सवाल अब सभी के मन में उठ रहा है कि आखिरकार पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या क्यों की गई? पुलिस की जांच के बाद यह साफ हो सकता है कि सुरेश चंद्राकर और उसके सहयोगियों ने इस अपराध को किस कारण अंजाम दिया। हालांकि, सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, जो पूरे मामले की तस्वीर को और स्पष्ट करेंगे।

यह घटना न केवल पत्रकारिता की सुरक्षा के मुद्दे को उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे अवैध धंधों और भ्रष्टाचार से जुड़ी शक्तियां हत्या जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दे सकती हैं। अब इस पूरे मामले में आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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