भारतीय वायुसेना का नई रणनीतिक पहल: अस्त्र Mk2 मिसाइलों की खरीद प्रक्रिया से हवाई युद्ध में बदलाव के संकेत

भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपनी हवाई युद्ध क्षमताओं को और भी सशक्त बनाने के लिए अत्याधुनिक अस्त्र Mk2 मिसाइलों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम देश की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि यह मिसाइल अत्यधिक प्रभावी बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) के रूप में वायुसेना के बेड़े में शामिल होगी। अस्त्र Mk2, अस्त्र Mk1 का उन्नत संस्करण है, जिसे पहले ही भारतीय वायुसेना के कई फाइटर जेट्स में शामिल किया जा चुका है, जिनमें सुखोई-30MKI और स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस जैसे अत्याधुनिक विमान शामिल हैं।

अस्त्र Mk2: नई पीढ़ी की ताकत

अस्त्र Mk2 मिसाइल में कई नई विशेषताएं और सुधार किए गए हैं, जो इसे अपने पूर्ववर्ती से कहीं अधिक शक्तिशाली और प्रभावी बनाते हैं। 160 किलोमीटर की रेंज के साथ यह मिसाइल भारतीय वायुसेना को दुश्मन के विमानों से लंबी दूरी पर खतरे का सामना करने की क्षमता प्रदान करती है। इसकी लंबी रेंज से दुश्मन के विमान के लिए बचाव का कोई मौका नहीं बचता, जिससे भारतीय वायुसेना की हवाई युद्ध क्षमता में एक महत्वपूर्ण वृद्धि होती है। इसके अलावा, इस मिसाइल में ऑप्टिकल प्रॉक्सीमिटी फ्यूज की सुविधा भी दी गई है, जिसका मतलब है कि यह मिसाइल टारगेट पर नजर रखती है और अगर टारगेट में कोई हलचल होती है, तो मिसाइल उसे पहचानकर फट जाती है।

स्वदेशी तकनीक का अहम रोल

अस्त्र Mk2 में स्वदेशी और अत्याधुनिक सीकर का उपयोग किया गया है, जो इसे जटिल इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर वातावरण में भी अत्यधिक प्रभावी बनाता है। इस मिसाइल के निर्माण में भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) का महत्वपूर्ण योगदान है, और इसके उन्नत सीकर की मदद से यह मिसाइल दुश्मन के रेडियो और रडार के खिलाफ भी अत्यधिक सटीकता से काम करती है। यह मिसाइल विभिन्न भारतीय फाइटर जेट्स में शामिल की जाएगी, जिनमें तेजस MK2, AMCA और TEDBF जैसे विमान शामिल हैं।

भारतीय वायुसेना का नया भरोसा

भारतीय वायुसेना ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि वह अब पुराने माइका मिसाइलों की जगह स्वदेशी अस्त्र मिसाइलों पर भरोसा जता रही है। आगामी दिनों में अस्त्र Mk3 के आने के बाद यह मिसाइल और भी अधिक ताकतवर हो जाएगी, क्योंकि इसका रेंज 350 किलोमीटर तक बढ़ जाएगा। इसका मतलब यह है कि भारतीय वायुसेना को दुश्मन के विमानों को मार गिराने के लिए और भी लंबी दूरी की सामर्थ्य प्राप्त होगी।

अस्त्र Mk2: मिसाइल की विशेषताएं

अस्त्र Mk2 मिसाइल की रेंज 130 से 160 किलोमीटर तक है, और यह 5,556.6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपने टारगेट की ओर बढ़ती है। इसे अधिकतम 66,000 फीट की ऊंचाई तक छोड़ा जा सकता है, जिससे यह मिसाइल सभी मौसमों में, चाहे दिन हो या रात, प्रभावी ढंग से काम करती है। इसके अंदर हाई-एक्सप्लोसिव या प्री-फ्रैगमेंटेड एचएमएक्स हथियार लगाए जा सकते हैं, जो इसे और भी खतरनाक बनाते हैं। इसके अलावा, इसे बीच हवा में दिशा बदलने की क्षमता भी मिलती है, जो इसे और अधिक लचीला और प्रभावी बनाता है।

भविष्य में और भी विस्तार

अस्त्र Mk2 के बाद, भारतीय वायुसेना और भी उन्नत मिसाइलों पर काम कर रही है, जिससे इसकी हवाई युद्ध क्षमता और भी बढ़ेगी। इन उन्नत मिसाइलों के साथ भारतीय वायुसेना की ताकत में भारी इजाफा होगा, और यह भारत को एक मजबूत सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।

भारत का यह कदम न केवल घरेलू सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय रक्षा उद्योग की स्वदेशी तकनीकी क्षमताओं को भी एक नई दिशा देगा। भारतीय वायुसेना अब एक कदम और आगे बढ़ने के लिए तैयार है, और अस्त्र Mk2 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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