ग्वालियर में कबड्डी मुकाबले के दौरान बवाल, इंदौर के खिलाड़ियों पर दर्शकों का हमला, मामला बढ़ने से पुलिस और खेल विभाग का हस्तक्षेप

ग्वालियर में कबड्डी के एक रोमांचक मुकाबले के दौरान उस समय बवाल हो गया, जब मैच के आखिरी पल में एक पॉइंट को लेकर असिस्टेंट रेफरी और इंदौर के खिलाड़ियों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। विवाद बढ़ते-बढ़ते मारपीट तक पहुंच गया, और रेफरी को थप्पड़ मारे जाने के बाद ग्वालियर के दर्शकों ने कुर्सियों से इंदौर के खिलाड़ियों पर हमला कर दिया। इस घटना के बाद पुलिस और खेल विभाग के अधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से स्थिति को शांत किया।

राज्य स्तरीय जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में विवाद

ग्वालियर के फूलबाग मैदान पर गुरुवार से महापौर महोत्सव 2025 के तहत तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। प्रतियोगिता के पहले दिन कुल 23 मैच खेले गए, जिनमें से आखिरी मैच इंदौर और ग्वालियर के बीच खेला जा रहा था। मैच के अंतिम क्षणों में दोनों टीमें बराबरी पर थीं, लेकिन इस स्थिति में एक अहम फैसला असिस्टेंट रेफरी द्वारा लिया गया, जिसने इंदौर के एक खिलाड़ी को आउट करार दिया।

विवाद और मारपीट की घटना

इंदौर के खिलाड़ी रेफरी के इस फैसले से असहमत थे, और विवाद ने धीरे-धीरे तूल पकड़ लिया। आरोप है कि एक इंदौर खिलाड़ी ने गुस्से में आकर असिस्टेंट रेफरी को धक्का दे दिया, इसके बाद थप्पड़ मार दिया। जैसे ही यह घटना हुई, ग्वालियर टीम के समर्थन में खड़े दर्शक मैदान में कूद पड़े और उन्होंने इंदौर के खिलाड़ियों पर कुर्सियों से हमला करना शुरू कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि इंदौर टीम के खिलाड़ियों और दर्शकों के बीच जमकर मारपीट हुई।

इंदौर टीम ने सुरक्षा की मांग की

इंदौर टीम के कोच का कहना है कि यह हमला दर्शकों और ग्वालियर टीम के खिलाड़ियों द्वारा मिलकर किया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ग्वालियर टीम के खिलाड़ी स्वयं इंदौर के खिलाड़ियों को दौड़ा-दौड़ा कर मार रहे थे। इंदौर टीम के कोच ने इस घटना को लेकर ग्वालियर टीम को प्रतियोगिता से बाहर करने और उनके खिलाड़ियों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।

ग्वालियर के दर्शकों पर आरोपों को नकारा

वहीं, इंदौर टीम के कोच ने इस मामले में उन पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि इंदौर के खिलाड़ी अनुशासित और समझदार हैं, और इस प्रकार की हिंसा की कोई उम्मीद नहीं थी। कोच ने स्पष्ट किया कि उनके खिलाड़ी किसी भी प्रकार की अनैतिक हरकत में शामिल नहीं थे। इस दौरान पुलिस और खेल विभाग के अधिकारियों ने बीच-बचाव करते हुए स्थिति को काबू किया, और पूरे मामले की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी।

मैच स्थगित, आगामी कार्रवाई का इंतजार

इस घटना के बाद, कबड्डी मैच को स्थगित कर दिया गया और आयोजकों ने बयान जारी किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस विवाद ने प्रतियोगिता में एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया है, और अब सबकी नजरें इस पर हैं कि क्या ग्वालियर टीम के खिलाड़ियों पर कोई कार्रवाई की जाती है या नहीं।

कुल मिलाकर यह घटना खेल जगत के लिए एक काले अध्याय के रूप में सामने आई है, जहां खेल भावना की जगह हिंसा और बवाल ने माहौल को खराब कर दिया। पुलिस और खेल विभाग ने स्थिति को संभाला, लेकिन सवाल यह है कि इस प्रकार की घटनाओं को कैसे रोका जाए और खिलाड़ियों के बीच अनुशासन बनाए रखा जाए।

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