राजस्थान के कोटपुतली जिले के किरातपुरा गांव में 23 दिसंबर को तीन साल की बच्ची चेतना बोरवेल में गिर गई थी। 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना को 10 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार शाम बाहर निकाला गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चेतना को बचाने के लिए पांच बार बोरवेल से निकालने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार असफलता मिली। बाद में बोरवेल के समानांतर सुरंग खोदने का प्रयास किया गया, लेकिन एक गलती के कारण यह कार्य देरी से हुआ। इस दौरान दिल्ली और जयपुर मेट्रो के विशेषज्ञों की मदद ली गई।
स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य की देरी और सुरंग खोदने में हुई गलती को लेकर सवाल उठाए, जबकि प्रशासन ने किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया। चेतना के दादा ने प्रशासन और बचाव टीम की कोशिशों की सराहना की, साथ ही खुले बोरवेल को बंद करने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में नजदीकी नजर रखी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया, लेकिन इस दुखद घटना ने बोरवेल सुरक्षा और बचाव उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कि
ए हैं।