उत्तराखंड में नए साल की शुरुआत के साथ ही बड़ा प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिला है। राज्य सरकार ने छह प्रमुख आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं, जिसमें कुछ अधिकारियों को नई तैनाती दी गई है, जबकि कुछ को उनके वर्तमान विभाग से हटाकर नए विभागों में भेजा गया है। इस फेरबदल के जरिए राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में नया जोश और दिशा देने का प्रयास किया गया है।
रणबीर सिंह चौहान और धीराज सिंह गर्ब्याल को मिली नई जिम्मेदारी
उत्तराखंड सरकार ने आईएएस अधिकारियों को उनके विभागों की जिम्मेदारी सौंपते हुए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आईएएस रणबीर सिंह चौहान को सचिव गन्ना और चीनी विभाग का चार्ज दिया गया है, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण पद है। वहीं, आईएएस धीराज सिंह गर्ब्याल को भी नई तैनाती दी गई है, जिसके बारे में सरकार की ओर से जल्द ही औपचारिक घोषणा की जाएगी।
आईएएस अधिकारियों के बीच विभागीय बदलाव
इस बदलाव में आईएएस अधिकारियों की भूमिका में बड़ा बदलाव आया है। आईएएस हरि चंद सेमवाल, आईएएस सी रविशंकर और आईएएस युगल किशोर पंत को भी नई जिम्मेदारियां दी गई हैं। आईएएस युगल किशोर पंत को सचिव धर्मस्व और संस्कृति विभाग का चार्ज सौंपा गया है, वहीं सी रविशंकर को सचिव कौशल विकास और सेवायोजन विभाग का जिम्मा सौंपा गया है।
आईएएस लालरिन लिवना फैनई का विभागों में बदलाव
वहीं, आईएएस लालरिन लिवना फैनई के विभागों में भी फेरबदल किया गया है। वह पहले प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले, आबकारी और उत्तराखंड परिवहन निगम के अध्यक्ष थे। अब उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का चार्ज नहीं दिया गया है, जबकि अन्य विभागों में उनकी जिम्मेदारी बरकरार रहेगी।
कैसे होगा प्रशासन में बदलाव का असर?
यह प्रशासनिक फेरबदल राज्य की शासन व्यवस्था में कई बदलाव ला सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन अधिकारियों के पास नई जिम्मेदारियों के साथ आने वाला समय राज्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। नए साल की शुरुआत में ही यह बदलाव सरकार के प्रशासनिक सुधारों और योजनाओं को तेजी से लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम
उत्तराखंड सरकार का यह प्रशासनिक फेरबदल राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकता है। प्रदेश में अगले कुछ महीनों में होने वाले चुनावों और अन्य योजनाओं के दृष्टिगत यह फेरबदल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशासनिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है। नए साल में राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए यह एक अहम कदम है, जिसे राज्य के विकास के लिए आवश्यक माना जा रहा है।
राज्य में इस फेरबदल से जुड़ी चर्चाएं तेज हो गई हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि ये बदलाव आगामी दिनों में कैसे राज्य के प्रशासनिक कार्यों और योजनाओं को प्रभावित करते हैं।