सिडनी से लेकर शिरडी तक, कैसे मनाया गया नए साल का जश्न

रात 12 बजते ही जैसे ही घड़ी ने नए साल की दस्तक दी, दुनिया भर में जश्न का माहौल बन गया। नए सपनों और उम्मीदों के साथ साल 2025 का स्वागत किया गया, और हर कोई अपने तरीके से इस विशेष क्षण का आनंद ले रहा था भारत समेत दुनिया के कई देशों में नववर्ष के आगमन को धूमधाम से मनाया गया, और यह उत्सव एक ऐसा पल था, जिसमें हर दिल खुशी से भर गया था। दुनिया के पूर्वी कोने से लेकर पश्चिमी छोर तक, हर जगह रंग-बिरंगी आतिशबाजी और उल्लास का माहौल था।

दुनिया का पहला स्वागत करने वाले किरिबाती गणराज्य के क्रिसमस आइलैंड पर भारतीय समयानुसार 31 दिसंबर की शाम साढ़े 3 बजे ही नववर्ष का जश्न शुरू हो गया था। इसके बाद, समोआ, टोंगा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, म्यांमार, जापान और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी भारतीय समय से पहले नए साल ने दस्तक दी। कुल मिलाकर, 41 देशों ने भारत से पहले नए साल का स्वागत किया। हर जगह स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और उत्साह के साथ नववर्ष का स्वागत हुआ।

भारत में भी नववर्ष के स्वागत की विशेष धूम रही। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नववर्ष 2025 के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं, और विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत आने वाले 25 वर्षों में दुनिया के सबसे शक्तिशाली और विकसित देशों में से एक बनेगा। उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लिया।

भारत में अभिनेता खेसारी लाल यादव ने शिरडी के साईं बाबा मंदिर में दर्शन करके वर्ष 2025 की शुरुआत की और कहा, “यह साईं बाबा की कृपा है कि हम वह बन गए जिसे दुनिया अपने दिल में रखती है।” तेलंगाना के हैदराबाद स्थित शिवालयम हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की, जबकि बिहार के आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं, साथ ही एकता और भेदभाव मिटाने की अपील की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी नववर्ष के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सभी से एक उज्जवल, समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए मिलकर काम करने की अपील की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नए साल की शुभकामनाएं दीं, और उम्मीद जताई कि 2025 सभी के लिए नए अवसर, सफलता और खुशियाँ लेकर आएगा।

स्वर्ण मंदिर, अमृतसर में उमड़ा आस्था का सैलाब, जहां श्रद्धालुओं ने अपने आशीर्वाद से नववर्ष की शुरुआत की। सिडनी, मेलबर्न और कैनबरा जैसे शहरों में भव्य आतिशबाजी ने आसमान को रंग-बिरंगी रोशनी से भर दिया, और भारतीय समयानुसार 31 दिसंबर की शाम साढ़े 6 बजे से यह उत्सव पूरे जोश से शुरू हो गया था। न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड में स्काई टॉवर से आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला, वहीं जापान, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में भी रात 8 बजे से लोग नए साल का जश्न मनाने लगे।

दुबई के बुर्ज खलीफा ने एक बार फिर अपने भव्य आतिशबाजी के जरिए दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस दृश्य को देखकर हर किसी ने इस अद्भुत नजारे को अपने कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गए।

भारत के विभिन्न हिस्सों में भी नववर्ष का स्वागत दिलचस्प तरीके से किया गया। महाराष्ट्र के नागपुर और मुंबई में लोग फूलों से नववर्ष के संदेश लिखकर दीप जलाए और नाच-गाकर नए साल का जश्न मनाया। जम्मू-कश्मीर के ऐतिहासिक लाल चौक पर लोगों ने एकत्र होकर नववर्ष 2025 का उत्सव मनाया, जबकि वहां का घंटा घर तिरंगे के रंगों से सजाया गया और बड़ी स्क्रीन पर ‘हैप्पी न्यू ईयर 2025’ लिखा गया। केरल में भी नववर्ष का स्वागत सफेद लाइटों से ‘2025’ लिखा गया, जो एक आकर्षक दृश्य बन गया।

इस तरह, दुनिया भर में नए साल का जश्न एक समान उत्साह और उमंग से मनाया गया। प्रत्येक देश ने अपनी संस्कृति, परंपराओं और उत्सवों के जरिए इस खास दिन को और भी यादगार बना दिया। एक नई उम्मीद और नए अवसरों के साथ, वर्ष 2025 ने पूरी दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का संचार किया।

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