महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पलाधी गांव में मंगलवार रात दो गुटों के बीच पथराव और आगजनी की घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। यह हिंसा तब भड़क उठी जब शिवसेना मंत्री गुलाबराव पाटिल के परिवार को ले जा रहे वाहन के चालक ने हॉर्न बजाया, जिससे गांववाले नाराज हो गए। घटना के बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर विवाद हुआ, और गुस्साई भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और आगजनी तथा गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं।
हिंसा की शुरुआत: हॉर्न बजाने पर बढ़ा विवाद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 31 दिसंबर की रात जब शिवसेना मंत्री गुलाबराव पाटिल का परिवार अपने वाहन में यात्रा कर रहा था, तब वाहन के चालक ने हॉर्न बजाया। यह गांव के कुछ लोगों को गुस्से में ला दिया, और तुरंत ही उनके बीच विवाद शुरू हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि गाली-गलौच के बाद कुछ शिवसैनिकों ने गांववालों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे माहौल और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया। इस घटना के बाद गांववाले और पार्टी कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए।
आगजनी, पथराव और गोलीबारी: स्थिति हुई बेकाबू
गुस्साए ग्रामीणों ने पथराव करना शुरू कर दिया और दोनों पक्षों के बीच संघर्ष तेज हो गया। इसके बाद गांव में व्यापक हिंसा फैली, जिसमें कई दुकानों और वाहनों में आग लगा दी गई। उपद्रवियों ने फायरिंग भी की, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया। जब तक पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची, तब तक आगजनी और तोड़फोड़ ने पूरे गांव में तबाही मचा दी थी। दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक कई गाड़ियां और दुकानें जलकर खाक हो चुकी थीं।
पुलिस की सख्त कार्रवाई: कर्फ्यू और गिरफ्तारी
हिंसा की जानकारी मिलते ही जलगांव जिले के विभिन्न इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए गांव में कर्फ्यू लगा दिया है और 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। करीब 10 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि गांव में शाम 6 बजे तक कर्फ्यू लागू किया गया है ताकि हिंसा को फैलने से रोका जा सके।
राजनीतिक तनाव और समाजिक असंतोष
इस घटना ने न केवल स्थानीय तनाव को उजागर किया, बल्कि एक बड़े राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया है। शिवसेना मंत्री गुलाबराव पाटिल के परिवार के वाहन को लेकर हुई इस मामूली घटना ने दोनों गुटों के बीच के गहरे असंतोष और तनाव को सार्वजनिक कर दिया। यह हिंसा केवल एक सड़क दुर्घटना से शुरू हुई, लेकिन अब इसने पूरे गांव में व्यापक उथल-पुथल मचा दी है।
पुलिस और प्रशासन ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है, और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही स्थिति को नियंत्रित कर लिया जाएगा। इस दौरान, स्थानीय निवासी और पुलिस दोनों ही अपने-अपने तरीके से घटनास्थल पर हालात को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।