भारत में गोल्ड की दीवानगी: तमिलनाडु की महिलाओं के पास दुनिया का सबसे बड़ा सोने का भंडार

भारत में महिलाओं के बीच सोने और आभूषणों के प्रति दीवानगी किसी से छुपी नहीं है, और इस बात की पुष्टि वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की हालिया रिपोर्ट से हुई है, जो दर्शाती है कि भारतीय महिलाओं के पास कुल 24,000 टन सोना है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि भारत में भी दक्षिण भारत की महिलाएं सबसे अधिक सोने की मालिक हैं, और यह आंकड़ा न केवल भारत, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण भंडारों से भी अधिक है।

तमिलनाडु की महिलाएं हैं सबसे ज्यादा सोने की मालकिन

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि तमिलनाडु की महिलाओं के पास दुनिया में सबसे ज्यादा सोना है, जो लगभग 6,720 टन के करीब है। यह आंकड़ा भारत के कुल स्वर्ण भंडार का 28% है। इतना ही नहीं, तमिलनाडु की महिलाओं के पास जमा सोने का भंडार अमेरिका, जर्मनी, इटली, फ्रांस और रूस जैसे देशों की महिलाओं के सोने से भी कहीं अधिक है।

इस रिपोर्ट ने गोल्ड के प्रति भारतीय महिलाओं के विशेष आकर्षण को और भी स्पष्ट कर दिया है। खासकर दक्षिण भारत में महिलाओं के पास सोने का भंडार अत्यधिक है, और यह सोना न केवल एक निवेश के रूप में, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक के तौर पर भी देखा जाता है।

गोल्ड राज्य की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा

भारतीय समाज में सोने और आभूषणों का विशेष महत्व है। तमिलनाडु और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में यह सोने के प्रति प्यार और लगाव एक दीर्घकालिक परंपरा का हिस्सा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु की महिलाओं में सोने के गहनों के प्रति जुनून एक हद तक बढ़ चुका है। यह राज्य की संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न अंग बन चुका है।

सोने के गहने जीवन के हर महत्वपूर्ण मौके पर पहने जाते हैं – चाहे वह जन्म हो, शादी हो या कोई अन्य खुशहाल अवसर। तमिलनाडु की महिलाएं अपने जीवन में हर अवसर पर सोने को शामिल करती हैं, जिससे उनके पास सोने का भंडार लगातार बढ़ता जाता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यहां की महिलाएं सोने को केवल सौंदर्य के प्रतीक के रूप में नहीं, बल्कि समृद्धि और संपन्नता के प्रतीक के रूप में भी देखती हैं।

सोने की कीमतों में वृद्धि के बावजूद नहीं थमा खरीदारी का क्रेज

हालांकि, सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन इस बदलाव का भारतीय महिलाओं के आभूषण खरीदने के जुनून पर कोई असर नहीं पड़ा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट ने यह साफ किया कि भारत में सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद लोग इसे खरीदने में रुचि रखते हैं। कई लोग इसे एक सुरक्षित निवेश मानते हैं, जिससे उनका आकर्षण और बढ़ गया है।

भारत में सोने की खरीदारी का क्रेज ऐसा है कि लोग इसे महंगे होते हुए भी खरीदने से नहीं चूकते। गोल्ड न केवल एक निवेश के रूप में, बल्कि एक सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर के रूप में भी देखा जाता है। यही कारण है कि भारत में सोने की कीमतें बढ़ने के बावजूद, खरीदारी का पैटर्न स्थिर रहा है।

भारत के साथ अन्य देशों का गोल्ड भंडार

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट में एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि भारत के पास कुल 24,000 टन सोना है, और इससे संबंधित आयकर कानून भी मौजूद हैं। भारतीय आयकर कानून के अनुसार, विवाहित महिलाओं को 500 ग्राम तक सोना रखने की अनुमति है, जबकि अविवाहित महिलाओं को 250 ग्राम तक और पुरुषों को केवल 100 ग्राम तक सोना रखने की अनुमति है।

दूसरी ओर, रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई कि अमेरिका के पास 8,000 टन सोना, जर्मनी के पास 3,300 टन, इटली के पास 2,450 टन, फ्रांस के पास 2,400 टन और रूस के पास 1,900 टन सोना है। हालांकि, भारतीय महिलाओं का सोना इन देशों से कहीं अधिक है, जो भारत की सोने के प्रति दीवानगी और परंपराओं की गहराई को दर्शाता है।

निष्कर्ष

भारत में सोने के प्रति महिलाओं का आकर्षण और दीवानगी कोई नई बात नहीं है, लेकिन वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट ने इसे और भी स्पष्ट किया है। खासकर दक्षिण भारत में सोने के प्रति महिलाओं का जुनून, उनकी संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह रिपोर्ट यह भी साबित करती है कि सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद, भारतीय महिलाओं का गोल्ड के प्रति प्यार कम नहीं हुआ है, बल्कि यह उनके जीवन का एक अहम हिस्सा बना हुआ है।

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