उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहमान खेड़ा इलाके में पिछले 27 दिनों से बाघ का आतंक जारी है। इस दौरान बाघ ने दर्जनों शिकार किए हैं, लेकिन वन विभाग की टीम अब तक उसे पकड़ने में असफल रही है। बाघ के खौफ से इलाके में दहशत फैली हुई है और लोग रात होते ही अपने घरों में बंद हो जाते हैं।
शनिवार रात को बाघ फिर से उसी स्थान पर लौट आया, जहां उसने शुक्रवार को गाय का शिकार किया था। बाघ करीब एक घंटे तक वहां मौजूद रहा और गाय के मांस को खा गया। वन विभाग की टीम ने बाघ की गतिविधियों पर नजर बनाए रखी और उसे ट्रैंकुलाइजर गन से बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन बाघ बेहोश नहीं हुआ। इसके बाद वह जंगल की ओर भाग गया।
रविवार को वन विभाग ने पूरे इलाके में बाघ को पकड़ने के लिए कॉम्बिंग अभियान चलाया, और रहमान खेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान जाने वाले रास्ते पर बाघ के पगमार्क भी मिले। हालांकि, बाघ को पकड़ने की प्रक्रिया अब भी मुश्किलों का सामना कर रही है। इलाके में बाघ के आतंक से लोग डर के साए में जी रहे हैं, और अब ग्रामीण वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।
वन विभाग की लगातार असफल कोशिशों के बावजूद, बाघ की पकड़ में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइन भी आड़े आ रही है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि NTCA की गाइडलाइन के मुताबिक रात के समय बाघ को ट्रैंकुलाइज नहीं किया जा सकता है, जिससे बाघ को पकड़ने में और भी दिक्कत हो रही है।
ग्रामीणों का गुस्सा अब उबाल पर है और वे वन विभाग से जल्द से जल्द बाघ को पकड़ने की मांग कर रहे हैं ताकि इलाके में शांति वापस आ सके और लोग बाघ के आतंक से राहत पा सकें।