जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार 29 दिसंबर को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर काजीगुंड को बनिहाल से जोड़ने वाली नवयुग सुरंग को दिवंगत प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर समर्पित किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि डॉ. मनमोहन सिंह ने जम्मू-कश्मीर के लिए जो कार्य किए, उन्हें हमेशा याद रखा जाना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बातचीत में यह स्पष्ट किया कि डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, और यह उनका दूरदर्शी नेतृत्व ही था जिसने आज जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा के समय को पांच घंटे के अंदर लाकर एक मील का पत्थर स्थापित किया।
“मनमोहन सिंह की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप ही यह संभव हो सका”
सीएम ने बताया कि वह समझते हैं कि नवयुग सुरंग का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह टनल रखा जाना चाहिए, ताकि उनके योगदान को हमेशा याद रखा जा सके। उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर नई सुरंगों का श्रेय कोई भी ले सकता है, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के इस महत्वपूर्ण उन्नयन की शुरुआत दिवंगत प्रधानमंत्री ने ही की थी।
“मनमोहन सिंह का योगदान हमेशा याद रहेगा”
उमर अब्दुल्ला ने डॉ. मनमोहन सिंह को एक सच्चे और निपुण राजनेता के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास में विशेषकर कनेक्टिविटी के सुधार में डॉ. सिंह का योगदान अभूतपूर्व था। उन्होंने कश्मीर में गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया, वार्ताकारों की नियुक्ति की, नियंत्रण रेखा के पार व्यापार शुरू किया और जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। इसके अलावा, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए गए थे।
“मनमोहन सिंह ने कभी अपनी उपलब्धियों का गुणगान नहीं किया”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने कभी भी अपनी उपलब्धियों के बारे में बात नहीं की, लेकिन उनके कार्यों ने कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र को एक नया आकार दिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री के समर्पण और प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा।
“नवयुग सुरंग ने यात्रा समय को घटाया और कनेक्टिविटी में सुधार किया”
उमर अब्दुल्ला ने नवयुग सुरंग के महत्व पर भी जोर दिया। उनका कहना था कि यह सुरंग जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा के समय को कम करने और दोनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने इस सुरंग को डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान के प्रतीक के रूप में मान्यता देने की सिफारिश की।
इस प्रकार, उमर अब्दुल्ला का यह बयान केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक दृषटिकोन की ओर भी इशारा करता है, जिसमें उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को सही मायनों में सराहा और उनकी अविस्मरणीय भूमिका को मान्यता दी।