उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में नगर निगम द्वारा चलाए गए अतिक्रमण अभियान में विवादित कार्रवाई सामने आई है, जिसमें नगर निगम की टीम ने फुटपाथ पर सब्जी बेचने वाले गरीब दुकानदारों की दुकानों को बुलडोजर से कुचल दिया। इस अप्रत्याशित कार्रवाई के कारण कई सब्जी विक्रेताओं को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल हस्तक्षेप किया और नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।
बुलडोजर से सब्जियों का नुकसान, विक्रेताओं में हड़कंप
झांसी नगर निगम ने सीपरी बाजार रेलवे अंडर ब्रिज के पास फुटपाथ पर सब्जी बेच रहे दुकानदारों से अतिक्रमण हटाने की कोशिश की थी। इस दौरान नगर निगम की टीम ने बुलडोजर से सब्जी विक्रेताओं की दुकानों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। बुलडोजर की गती से सब्जियां कुचली गईं और दुकानदारों के रोज़ी-रोटी पर संकट आ गया। इस दौरान वहां मौजूद दुकानदारों ने इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध जताया, लेकिन नगर निगम की टीम ने उनकी एक नहीं सुनी और सब्जियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
सामाजिक मीडिया पर बवाल, मंत्री ने लिया एक्शन
जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो इसे लेकर जनता में गुस्सा फूट पड़ा। जनता के दबाव के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने मामले का संज्ञान लिया और तुरंत ही एक्शन लिया। उन्होंने अतिक्रमण हटाने वाली टीम के प्रभारी बृजेश वर्मा को हटा दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए। इसके साथ ही नगर निगम के एक संविदा कर्मचारी सुदेश सिंह को भी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
सार्वजनिक विरोध का असर: मुआवजा और कार्रवाई
मंत्री एके शर्मा ने स्पष्ट किया कि सरकार पटरी दुकानदारों के हितों का पूरा सम्मान करेगी और भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस घटना के बाद, झांसी नगर निगम ने प्रभावित दुकानदारों को मुआवजा देने का निर्णय लिया। नगर आयुक्त सत्य प्रकाश ने इस मामले में पुष्टि करते हुए बताया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए योजना बनाई जाएगी।
फुटपाथ पर पड़ी कार्रवाई की छाया
यह मामला सिर्फ झांसी तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेशभर में फुटपाथ पर सब्जी बेचने वाले छोटे दुकानदारों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन चुका है। जब शहरों में अतिक्रमण हटाने के नाम पर ऐसी कार्रवाई की जाती है, तो अक्सर गरीब और असंगठित व्यापारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। अब देखना यह है कि योगी सरकार इस मुद्दे को किस प्रकार सुलझाती है और क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।
नगर निगम की कार्रवाई पर सियासी तूल
इस घटना ने प्रदेश में सियासी हलचल भी पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने इसे लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि सरकार गरीब दुकानदारों के खिलाफ अत्यधिक सख्त हो रही है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। वहीं, योगी सरकार का कहना है कि उन्होंने आवश्यक कार्रवाई की है और इस पर पूरी निगरानी रखी जाएगी।
झांसी नगर निगम की इस कार्रवाई ने न सिर्फ दुकानदारों को भारी नुकसान पहुँचाया, बल्कि नगर विकास मंत्री के एक्शन से यह साफ कर दिया कि सरकार किसी भी प्रकार की गलत कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेगी। अब देखना यह है कि झांसी नगर निगम और सरकार इस मामले में आगे किस दिशा में कदम उठाती है।