भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को 12 दिन बाद दिल्ली के अपोलो अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। आडवाणी 12 दिसंबर को यूरिन संबंधी मांसपेशियों में बढ़ोतरी के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे, और उनके इलाज के लिए अस्पताल में सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में उपचार चल रहा था। अब उनकी सेहत में सुधार हो जाने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
आडवाणी को शुरुआत में अस्पताल के आईसीयू में रखा गया था, लेकिन जैसे-जैसे उनकी सेहत में सुधार हुआ, उन्हें प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। अब उन्हें दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पर आराम करने की सलाह दी गई है। 97 साल के आडवाणी अपनी बेटी के साथ दिल्ली में रहते हैं और उनका स्वास्थ्य अब बेहतर है।
आडवाणी की लगातार अस्पताल यात्राएं
लालकृष्ण आडवाणी का यह अस्पताल में भर्ती होना कोई नया नहीं है। पिछले छह महीने में यह उनकी चौथी बार अस्पताल में भर्ती होने की घटना है। जून 2024 में उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां एक दिन में ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। जुलाई 2024 में आडवाणी को फिर से अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां यूरिन संबंधित समस्याओं के चलते उनका इलाज हुआ था। अगस्त में भी उन्हीं समस्याओं के कारण उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था।
भारत रत्न से नवाजे गए थे आडवाणी
इसी साल लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, जो भारतीय राजनीति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का प्रतीक है। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनके घर पर दिया गया था। आडवाणी की राजनीतिक यात्रा भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मानी जाती है। वे आरएसएस से राजनीति में आए और मोरारजी देसाई तथा अटल बिहारी वाजपेई की सरकारों में मंत्री रहे।
आडवाणी को भारतीय जनता पार्टी का पितृपुरुष भी माना जाता है, और उनका योगदान पार्टी की नींव रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। अब जबकि वे स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, उनके समर्थक उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।