ईरान और रूस के बीच एक गुप्त और विवादास्पद समझौते का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें ईरान रूस को तेल के बदले हथियार मुहैया करा रहा है। इस सीक्रेट ट्रेडिंग ऑपरेशन के पीछे ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई के करीबी सहयोगी के बेटे का हाथ होने का दावा किया जा रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह सौदा यूक्रेन में चल रहे युद्ध के दौरान एक गहरे रणनीतिक समझौते का हिस्सा है, जिसमें मास्को को हथियारों की आपूर्ति के बदले ईरान को तेल मिल रहा है।
ब्लूमबर्ग रिपोर्ट: शमखानी परिवार का गहरा संबंध
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में एक दर्जन से अधिक अमेरिकी, यूके और यूरोपीय अधिकारियों और लेन-देन से परिचित सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया है कि ईरान के पूर्व सुरक्षा प्रमुख अली शमखानी के बेटे, होसैन शमखानी, इस गुप्त व्यापार में केंद्रीय भूमिका निभा रहे हैं।
होसैन शमखानी, जो दुबई स्थित अपनी शिपिंग कंपनी क्रियोस शिपिंग LLC के माध्यम से यह व्यापार संचालित कर रहे हैं, पिछले साल से कम से कम दो जहाजों के जरिए मिसाइलों, ड्रोन के कंपोनेंट्स और दोहरे उपयोग वाले सामानों की आपूर्ति कर रहे हैं। ये शिपमेंट रूस को भेजे गए हैं और ईरान को बदले में तेल के कार्गो के रूप में भुगतान किया जा रहा है।
तेल और हथियारों के बीच अदला-बदला
ब्लूमबर्ग के सूत्रों के अनुसार, यह एक तरह का अदला-बदला सौदा है, जिसके तहत रूस ईरान को तेल के रूप में भुगतान करता है, ताकि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली में उनके खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार किया जा सके। इस व्यापार में दोनों देशों की शिपिंग कंपनियों का एक नेटवर्क शामिल है, जो प्रतिबंधों से बचते हुए हथियारों और तेल के व्यापार को संचालित कर रहा है।
सूत्रों का कहना है कि यह व्यापार यूक्रेन में रूस की सैन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है, खासतौर पर ड्रोन और मिसाइलों के मामले में, जिनका इस्तेमाल रूस द्वारा यूक्रेन में युद्ध में किया जा रहा है।
अली शमखानी का प्रभाव
अली शमखानी, जो लंबे समय तक ईरान के रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे हैं, ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई के बेहद करीबी सहयोगी माने जाते हैं। 2023 में सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से हटने के बावजूद उनका राजनीतिक प्रभाव बना हुआ है, और माना जा रहा है कि वह इस गुप्त व्यापार में अपनी पहुंच का फायदा उठा रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शमखानी परिवार पर भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप पहले भी लग चुके हैं। उनके व्यापारिक संबंध और ईरान के कमोडिटी ट्रेडिंग नेटवर्क में उनके योगदान से यह साबित होता है कि वह इस व्यापार में बड़े पैमाने पर संलिप्त हो सकते हैं।
हुसैन शमखानी का इनकार
हालांकि, हुसैन शमखानी ने इन सभी आरोपों को नकारा है। उनके वकील ने ब्लूमबर्ग को बताया कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और इन दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं हैं। हुसैन शमखानी ने इस सीक्रेट ट्रेडिंग सौदे में अपनी संलिप्तता से इंकार करते हुए कहा कि वह न तो अवैध हथियारों की खेप के कारोबार में शामिल हैं, न ही प्रतिबंधों को तोड़ने वाले तेल व्यापार में कोई भूमिका निभा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय चिंताएं और सुरक्षा के मुद्दे
यह खुलासा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि रूस और ईरान के बीच इस तरह के गुप्त व्यापार के परिणाम यूक्रेन युद्ध को और भी बढ़ावा देने वाले हो सकते हैं। अमेरिका, यूरोपीय देश और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इस पूरे मामले की गहन जांच की तैयारी कर रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह के व्यापार से किसी भी प्रकार की वैश्विक सुरक्षा या आर्थिक व्यवस्था को खतरा न हो।
यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस खुलासे के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा ईरान और रूस पर नए प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जिससे इन दोनों देशों के बीच का गुप्त व्यापार और भी मुश्किल में पड़ सकता है।
रूस और ईरान का संबंध: क्या है अगला कदम?
अब सवाल यह उठता है कि क्या रूस और ईरान इस गुप्त व्यापार को और बढ़ावा देंगे, और क्या इस साजिश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी? जैसे-जैसे रिपोर्ट्स और जांचें आगे बढ़ेंगी, यह मामला और भी जटिल हो सकता है, जिससे वैश्विक राजनीति और सुरक्षा पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ सकता है।