हरिद्वार के कांगड़ी गांव में स्थित ऐतिहासिक गुरुकुल कांगड़ी में स्वामी श्रद्धानंद के 99वें बलिदान दिवस के अवसर पर एक भव्य 1100 कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया। इस आयोजन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय समेत कई प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की। यह आयोजन न केवल स्वामी श्रद्धानंद के योगदान को याद करने का अवसर था, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
गुरुकुल कांगड़ी का ऐतिहासिक महत्व
गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना 1902 में स्वामी श्रद्धानंद ने की थी और यह संस्थान सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्वामी श्रद्धानंद ने अपने जीवन को भारतीय समाज की उन्नति और देशभक्ति के लिए समर्पित किया, और आज भी उनके विचार और शिक्षाएं लोगों को प्रेरणा देती हैं। इस गुरुकुल से जुड़े लोग स्वामी जी के आदर्शों को जीवित रखने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं और इस प्रकार के आयोजनों के जरिए उनकी गाथाओं को आम जनता तक पहुंचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संबोधन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वामी श्रद्धानंद को नमन करते हुए कहा कि वे यहां आकर गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी को एक ऐसा शिक्षण संस्थान बताया जो न केवल सनातन धर्म के प्रसार में, बल्कि भारतीय संस्कृति की रक्षा में भी अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, “जो संस्थान सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, उन्हें हमारा पूरा समर्थन और सहयोग मिलना चाहिए।” मुख्यमंत्री धामी ने स्वामी श्रद्धानंद के संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए कहा कि उनकी शिक्षाएं हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी और देश को एकता और समता के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगी।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने व्यक्त की गर्व की भावना
इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने भी स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान को याद करते हुए कहा कि उनका योगदान न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने गुरुकुल कांगड़ी में आकर गर्व महसूस किया और कहा, “यह संस्थान भारतीय समाज को शिक्षित और देशभक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां से देश को न केवल महान नेता, बल्कि शिक्षित युवा भी मिलते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि गुरुकुल कांगड़ी भविष्य में भी ऐसे ही राष्ट्रसेवी और देशभक्त तैयार करता रहेगा।”
विवेक ओबेरॉय ने साझा की अपनी यादें
बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और स्वामी श्रद्धानंद के योगदान को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी और स्वामी श्रद्धानंद के इतिहास को जानकर वे गहरे प्रभावित हुए हैं। विवेक ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा पीढ़ी को यह समझने की आवश्यकता है कि स्वामी श्रद्धानंद ने किस प्रकार भारतीय समाज को जागरूक किया और देशभक्ति के मूल्यों को बढ़ावा दिया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके दादा आर्य समाज से जुड़े रहे हैं और उनके माध्यम से ही उन्हें सनातन परंपराओं के महत्व को समझने का अवसर मिला।
स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान को समर्पित यज्ञ
स्वामी श्रद्धानंद के 99वें बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित 1100 कुंडीय यज्ञ का आयोजन गुरुकुल कांगड़ी के परिसर में हुआ। इस यज्ञ में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और स्वामी जी के योगदान को नमन किया। यज्ञ का आयोजन भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों से जुड़ा हुआ था और इसमें श्रद्धा और भक्ति की अपार भावनाएं देखने को मिलीं। यह आयोजन न केवल स्वामी श्रद्धानंद के प्रति श्रद्धांजलि था, बल्कि भारतीय समाज को एकजुट करने और उनकी शिक्षाओं को जीवित रखने का भी एक प्रयास था।
समाज के लिए स्वामी श्रद्धानंद का योगदान
स्वामी श्रद्धानंद ने भारतीय समाज की अनेक समस्याओं का समाधान खोजने के लिए कई संघर्ष किए। वे शिक्षा के प्रचारक, समाज सुधारक और देशभक्त के रूप में याद किए जाते हैं। उनके जीवन और संघर्षों के बारे में जानकर यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने हमेशा भारतीय संस्कृति और समाज को मजबूत बनाने के लिए काम किया। उनके विचार आज भी समाज में व्याप्त कुरीतियों और भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत आवाज हैं।
इस आयोजन ने कांगड़ी गुरुकुल के ऐतिहासिक महत्व को पुनः उजागर किया और स्वामी श्रद्धानंद के विचारों को अगले पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।