तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने आगामी 2026 विधानसभा चुनावों से पहले अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया है कि उनकी पार्टी एक बार फिर राज्य में सरकार बनाएगी। उन्होंने दावा किया कि डीएमके के नेतृत्व में गठबंधन 200 सीटों पर विजय प्राप्त करेगा और राज्य की राजनीति में विपक्षी दलों के सभी समीकरण ध्वस्त हो जाएंगे।
डीएमके का आत्मविश्वास: ‘200 सीटों पर होगी जीत’
सीएम स्टालिन ने रविवार को कांचीपुरम निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य 7वीं बार डीएमके सरकार बनाना है। हमारा गठबंधन 200 सीटों पर जीत हासिल करेगा। 2026 में हमारी जीत सुनिश्चित है।” उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उनकी सरकार ने जन कल्याण के लिए कई योजनाओं को लागू किया है, जिनकी कोई अन्य राज्य सरकार बराबरी नहीं कर पाई।
पार्टी की लगातार जीत पर जोर देते हुए स्टालिन ने बताया कि 2019 में उनका गठबंधन एक वैचारिक गठबंधन के रूप में बना था, और तब से ही उन्होंने विधानसभा, संसद और स्थानीय निकाय चुनावों में लगातार सफलता प्राप्त की है।
विपक्षी गठबंधन के खिलाफ सीएम स्टालिन का प्रहार
सीएम स्टालिन ने विपक्षी दलों की सियासी रणनीतियों को खारिज करते हुए कहा कि कई लोग उनके वैचारिक गठबंधन के खिलाफ राजनीतिक गणना कर रहे हैं, लेकिन वह दृढ़ विश्वास के साथ यह कहते हैं कि विपक्षी गणनाएं गलत साबित होंगी। “हमारा गठबंधन जीतने के लिए तैयार है,” उन्होंने दावा किया।
इसके अलावा, सीएम ने रविवार को एक उच्च स्तरीय कार्यकारी बैठक भी की, जिसमें 800 से अधिक वरिष्ठ पार्टी नेताओं और कार्यकारी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक के दौरान डीएमके ने 12 प्रस्ताव पारित किए, जिनमें राज्य के विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक में पास हुए 12 प्रस्ताव, अहम मुद्दों पर चर्चा
डीएमके की इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री स्टालिन ने 12 प्रस्तावों का अनुमोदन किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता टीकेएस एलंगोवन ने इन प्रस्तावों को पढ़ा। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव चक्रवाती तूफान ‘फेंगल’ के दौरान तमिलनाडु सरकार द्वारा उठाए गए एहतियाती उपायों की सराहना करता है। एलंगोवन ने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के मंत्रियों के समर्पण की प्रशंसा की, जिनकी तत्परता ने राज्य को इस आपदा से सुरक्षित रखा।
बैठक के दौरान एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा हुई। डीएमके ने राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बीआर आंबेडकर के बारे में की गई कथित ‘अपमानजनक’ टिप्पणी की निंदा की। पार्टी ने इसे राष्ट्रीय धरोहर के प्रति disrespect करार दिया और इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई।
डीएमके का आत्मविश्वास और विपक्षी चुनौती
सीएम स्टालिन का यह बयान पार्टी के बढ़ते आत्मविश्वास और आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी जीत की उम्मीदों को दर्शाता है। उन्होंने 2026 के चुनावों के लिए अपनी पार्टी और गठबंधन की ताकत को जताया है, जबकि विपक्षी दल उनके इस आत्मविश्वास को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। क्या सच में डीएमके अपनी सरकार को सातवीं बार राज्य में स्थापित करने में सफल होगी, या विपक्षी दलों की सियासी रणनीतियां उन्हें कड़ी टक्कर देंगी? यह सवाल अब तमिलनाडु की राजनीति का मुख्य मुद्दा बन चुका है।