आयकर विभाग ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के विधायक वहीद पारा को एक महत्वपूर्ण नोटिस भेजा है, जिसमें उनके वित्तीय दस्तावेजों और खाता विवरण की जानकारी मांगी गई है। इस नोटिस ने पारा के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाहियों में एक नया मोड़ ला दिया है, और उनके समर्थकों के बीच चर्चाओं का माहौल गर्मा दिया है।
नोटिस में क्या है?
20 दिसंबर को पारा को आयकर विभाग द्वारा समक्ष पेश होने का नोटिस जारी किया गया था, हालांकि इस नोटिस की सूचना उन्हें उसी दिन मिली। आयकर विभाग की यह कार्रवाई भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 131(1ए) के तहत की गई है, जिसके तहत आयकर अधिकारी बिना किसी औपचारिक कार्यवाही के टैक्स के बकाएदारों से जानकारी जुटा सकते हैं। पारा को विभाग से संबंधित वित्तीय दस्तावेजों और खाता विवरण को उपलब्ध कराना होगा, जो संभवतः उनकी संपत्तियों, आय और व्यय से जुड़े हो सकते हैं।
क्या होगा पारा का अगला कदम?
फिलहाल, पारा की ओर से इस नोटिस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, उनके करीबी सहयोगियों ने यह जानकारी दी है कि पारा का प्रतिनिधि सोमवार को आयकर विभाग के कार्यालय में पेश होगा। यह संभावना जताई जा रही है कि यह पूरी प्रक्रिया एक सामान्य कानूनी कार्यवाही का हिस्सा हो सकती है, लेकिन पारा के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी विवादों के ताज़ा दौर की शुरुआत हो सकती है।
चुनावी खर्च और संपत्तियों का खुलासा
वहीद पारा, जो कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा से पीडीपी के विधायक हैं, ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनावी खर्च की जानकारी दी थी। उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, पारा ने चुनाव प्रचार पर 14 लाख रुपये से अधिक खर्च किए थे। यह राशि उन्हें व्यक्तिगत रूप से, कंपनियों, फर्मों और एसोसिएशनों से कर्ज, उपहार और दान के रूप में प्राप्त हुई थी।
इसके अलावा, पारा ने अपनी संपत्तियों के बारे में भी खुलासा किया था, जिसमें 2.5 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति शामिल थी। इस संपत्ति में 2 करोड़ रुपये की कृषि भूमि भी थी, जो उन्हें विरासत में मिली थी।
पारा के राजनीतिक जीवन में विवादों का सिलसिला
वहीद पारा के राजनीतिक जीवन में विवादों की कमी नहीं रही है। 25 नवंबर, 2020 को जब वह पुलवामा से जिला विकास परिषद चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे थे, तभी उन्हें राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने गिरफ्तार कर लिया था। दो साल तक जेल में रहने के बाद उन्हें जनवरी 2021 में जमानत मिल गई थी, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग ने उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया था।
क्या पारा के लिए बढ़ सकती है मुसीबत?
आयकर विभाग द्वारा भेजा गया यह नोटिस पारा के खिलाफ चल रही कई कानूनी कार्यवाहियों के बीच आया है। इसे एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा माना जा सकता है, लेकिन इसके संभावित राजनीतिक और कानूनी परिणामों पर अब सबकी नजरें टिकी हैं। क्या यह कदम पारा के खिलाफ एक और बड़ा संकट खड़ा करेगा? क्या यह मामले उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित करेंगे? इन सवालों के उत्तर जल्द ही सामने आ सकते हैं, जिससे उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच हलचल बनी रहेगी।