गाजा पट्टी में रविवार को इजराइल द्वारा किए गए हमलों में पांच बच्चों समेत कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई, जिससे इलाके में एक बार फिर भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, विस्थापितों के लिए बनाए गए एक स्कूल पर हुए हमले में आठ लोग मारे गए, जिनमें तीन बच्चे शामिल थे। इजराइल ने दावा किया है कि उसने शरणार्थी केंद्र में छिपे हुए हमास आतंकवादियों को निशाना बनाया, हालांकि इस हमले में निर्दोष नागरिकों की मौत पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
इसके साथ ही, शनिवार देर रात गाजा शहर के दीर अल-बला में हुए एक और हमले में तीन महिलाओं और दो बच्चों समेत पांच लोग मारे गए। इसके अलावा, विभिन्न इलाकों में हुए अन्य हमलों में छह और लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इजराइल का कहना है कि वह आतंकवादियों को निशाना बनाता है, लेकिन अक्सर इन हमलों में महिलाओं और बच्चों की भी मौत हो जाती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विवाद पैदा हो रहा है।
गाजा के ईसाई समुदाय के साथ प्रार्थना सभा
इस बीच, गाजा के ईसाई समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण घटना हुई, जब कैथोलिक चर्च के पादरी कार्डिनल पियरबटिस्टा पिज्जाबल्ला को गाजा में प्रवेश की अनुमति मिली। उन्होंने युद्धग्रस्त इलाके में क्रिसमस पूर्व प्रार्थना सभा का आयोजन किया। पिज्जाबल्ला और अन्य पादरी होली फैमिली चर्च में प्रार्थना कर रहे थे, जबकि इजराइली ड्रोन की आवाज़ उनके ऊपर गूंज रही थी। प्रार्थना सभा के दौरान, इजराइली ड्रोन और बमबारी की आवाज़ ने चर्च के अंदर मौजूद लोगों को डरा दिया, लेकिन गाजा के ईसाई समुदाय ने इस कठिन समय में एकजुट होकर प्रार्थना की।
पिज्जाबल्ला की गाजा यात्रा वेटिकन की ओर से की गई आलोचना के बाद हुई, जिसमें पोप फ्रांसिस ने गाजा में इजराइल की कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी। पोप ने यह भी कहा था कि इजराइल की बमबारी के कारण उनके दूत गाजा में प्रवेश नहीं कर पाए। इसके अलावा, पोप ने गाजा में इजराइल की कार्रवाई को लेकर जांच की मांग की थी, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह नरसंहार था या नहीं।
गाजा में बढ़ती मानवीय त्रासदी और इजराइली हमलों पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना
वहीं, इजराइल के हमलों में फिलिस्तीनियों की लगातार बढ़ती मौतों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंता में डाल दिया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसी मानवाधिकार संगठनों ने इजराइल की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय कोर्ट भी इजराइल के खिलाफ नरसंहार के आरोपों की जांच कर रहा है।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के आक्रमणों में अब तक 45,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं। गाजा में जारी बमबारी और जमीनी हमलों के कारण लगभग 90% लोग विस्थापित हो चुके हैं।
गाजा के उत्तरी हिस्से में इजराइल का बड़ा अभियान जारी
इजराइल ने अक्टूबर से उत्तरी गाजा में एक बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य हमास के ठिकानों को नष्ट करना है। इस अभियान के दौरान हजारों लोग अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं। इजराइल ने उत्तरी गाजा से पूरी तरह से निकासी का आदेश दिया है, लेकिन इसके साथ ही मानवीय सहायता की पहुंच को भी लगभग असंभव बना दिया है। इजरायली सैन्य एजेंसी COGAT ने कुछ अस्पतालों से मरीजों को निकाला, लेकिन ज्यादातर मदद पूरी तरह से अवरुद्ध है।
फिलिस्तीनी सुरक्षाकर्मियों की हत्या और वेस्ट बैंक में हिंसा
गाजा में चल रही इस हिंसा के बीच, वेस्ट बैंक के अस्थिर शहर जेनिन में फिलिस्तीनी सुरक्षा बलों के एक सदस्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई। आतंकवादियों ने इस हमले में दो अन्य सुरक्षा कर्मियों को भी घायल किया है, जिससे क्षेत्र में और हिंसा फैलने की आशंका बढ़ गई है।
इजराइल-हमास युद्धविराम की आशा और रुकावटें
हालांकि, हाल ही में इजराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते की संभावना जताई गई थी, जिसमें इजराइली बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई शामिल थी, लेकिन इस प्रक्रिया में अभी भी कई रुकावटें हैं। इस युद्धविराम की प्रक्रिया को लेकर दोनों पक्षों के बीच मतभेद बने हुए हैं, और समझौता अब भी दूर की बात लगता है।
निहत्थे नागरिकों के लिए खतरे की घंटी
इस सब के बीच, गाजा में निहत्थे नागरिकों की जान पर रोज खतरे का मंडराना जारी है। अस्पतालों और शरण स्थलों पर काम करने वाले डॉक्टरों और नागरिकों के लिए स्थिति बेहद जटिल हो गई है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपीलें बढ़ती जा रही हैं कि इजराइल और हमास दोनों अपनी हिंसा को रोकें ताकि वहां के निर्दोष नागरिकों को बचाया जा सके।
नतीजा: युद्ध और मानवाधिकार का उल्लंघन
गाजा में युद्ध के जारी रहने से मानवाधिकारों का उल्लंघन और नागरिकों की मौतें बढ़ती जा रही हैं, और दुनिया भर के देशों ने इस पर चिंता जताई है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या गाजा में इजराइल द्वारा किए गए हमले नरसंहार की श्रेणी में आते हैं? क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इजराइल पर कार्रवाई करेगा, या यह भी एक और अनदेखा संघर्ष बना रहेगा?