22 दिसंबर की रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने हैदराबाद को झकझोर दिया, जब अभिनेता अल्लू अर्जुन के घर पर तोड़फोड़ की गई और उनकी सुरक्षा को लेकर खतरे की घंटी बजी। हैदराबाद के जुबली हिल्स स्थित अल्लू अर्जुन के घर पर उस्मानिया विश्वविद्यालय के कुछ सदस्यों ने धावा बोल दिया। इस हमले में तोड़फोड़ की घटनाओं ने न केवल अभिनेता को, बल्कि उनके परिवार को भी असुरक्षित महसूस कराया। हमले के बाद, अल्लू अर्जुन के बच्चों अल्लू अयान और अल्लू अरहा को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया, और उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
घटना के बाद, सोशल मीडिया पर फैंस का गुस्सा फूट पड़ा। एक ही परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर खौ़फनाक सवाल उठने लगे। अल्लू अर्जुन के पिता, फिल्म निर्माता अल्लू अरविंद ने इस हमले पर अपनी नाराजगी जाहिर की, लेकिन संयम बनाए रखने की बात की। उन्होंने कहा, “हमारे घर पर जो हुआ, वह सभी ने देखा। अब हमें सही तरीके से प्रतिक्रिया देनी होगी, लेकिन यह समय प्रतिक्रिया देने का नहीं है। कानून अपना काम करेगा, और हम संयम रखेंगे।”
अल्लू अर्जुन का घर हमलावरों के निशाने पर क्यों था? दरअसल, इस हमले के पीछे उस्मानिया विश्वविद्यालय की संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) के सदस्य थे, जिन्होंने 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थियेटर में हुई भगदड़ में जान गंवाने वाली महिला रेवती के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की थी। इस भगदड़ में रेवती की मौत हो गई थी, जबकि उसका आठ साल का बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। आरोपियों ने अल्लू अर्जुन पर आरोप लगाया कि उनकी फिल्म ‘पुष्पा 2’ के प्रीमियर में मची भगदड़ के कारण यह घटना हुई।
हमले के दौरान अल्लू अर्जुन घर पर नहीं थे, लेकिन बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गए। इस हमले के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
इस घटना से पहले, अल्लू अर्जुन 13 दिसंबर को ‘पुष्पा 2’ की स्क्रीनिंग के दौरान हुई भगदड़ में गिरफ्तार हुए थे, लेकिन उन्हें बाद में उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिल गई थी। इस घटना के बाद से पूरे तेलंगाना में गुस्सा और घबराहट का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने कहा है कि वे इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
कुल मिलाकर, यह एक बेहद संवेदनशील और घातक मामला बन चुका है, जिसमें न केवल एक अभिनेता की सुरक्षा को खतरा है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं।