बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्र लगातार परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं, और अब इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर इस विवादास्पद परीक्षा को रद्द करने की मांग की है।
तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा, “70वीं BPSC परीक्षा में कदाचार, आयोग की हठधर्मिता और प्रशासनिक विसंगतियों के कारण आंदोलनरत परीक्षार्थियों की मांगों के समर्थन में मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है।” तेजस्वी ने आगे कहा, “शिक्षा सत्याग्रह में अनशन पर बैठे छात्रों की तबियत खराब हो रही है। कल रात मैं उनसे मिला, और अगर उन्हें कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार और BPSC के चेयरमैन की होगी।”
तेजस्वी ने इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाते हुए कहा कि सभी छात्र एक ही नारे के तहत खड़े हैं – “Re-Exam”, और उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई करेंगे।
तेजस्वी ने पत्र में रखी अपनी मांगें
अपने पत्र में तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा में कदाचार उजागर होने के बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने सिर्फ पटना के बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द की, जो संस्थागत भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश है। उन्होंने मांग की कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीटी पुनर्परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर और एक पैटर्न में बिना पेपर लीक के कराई जाए। तेजस्वी ने यह भी कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि मुख्यमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और अभ्यर्थियों की समस्याओं का समाधान करेंगे।
धरने पर बैठे छात्रों से मिलने पहुंचे तेजस्वी यादव
इससे पहले, तेजस्वी यादव ने शनिवार रात धरने पर बैठे छात्रों से मुलाकात की। इस दौरान तेजस्वी अपने हाथ में एक पोस्टर लिए हुए थे, जिसमें पुनः परीक्षा करवाने की मांग की गई थी। धरने पर बैठे अभ्यर्थियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “हम आपके साथ हैं, और सरकार से यह मांग करते हैं कि परीक्षा को रद्द किया जाए। हम पूरी तरह से न्याय चाहते हैं।”
तेजस्वी यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार अपनी गलतियों को छिपाने के लिए हर कदम उठा रही है। उन्होंने परीक्षा में कथित धांधली के आरोपों की जांच करने की मांग भी की।
राजनीतिक पारा चढ़ा, क्या होगी मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया?
तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखने और धरने पर बैठे छात्रों के समर्थन में आए बयान के बाद यह मामला अब और गरमा गया है। विपक्षी दलों ने एकजुट होकर इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया है। अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार लोक सेवा आयोग इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं। अगर परीक्षा रद्द होती है तो यह छात्रों की जीत मानी जाएगी, और अगर नहीं होती है तो विरोध प्रदर्शन और तेज हो सकता है।
वहीं, छात्रों के बीच बढ़ते गुस्से और तेजस्वी यादव के समर्थन से इस मुद्दे पर राजनीतिक दबाव भी बनता जा रहा है। क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में छात्रों की मांगों को स्वीकार करेंगे? या फिर यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा? यह सवाल अब बिहार की राजनीति का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।