मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के लक्ष्मीपुरा गांव में शनिवार की रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। सभी लोग अपने घर में सो रहे थे, तभी रात में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि पड़ोसी भी उसे बुझाने में असफल रहे, और तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में एक व्यक्ति ने भागकर जान बचाने की कोशिश की, जबकि दूसरी पीड़ित ने गंभीर स्थिति में अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुआ यह दर्दनाक हादसा?
यह हादसा शिवपुरी के बैराड़ थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा गांव में हुआ। शनिवार रात को बासुदेव नामक व्यक्ति अपनी तीन बेटियों को अपने पिता हजारी के घर छोड़कर आगरा रिश्तेदारी में गया हुआ था। हजारी बंजारा (60), उनकी पोती ज्योति बंजारा, अनुष्का, और संध्या एक साथ खाना खाकर सो रहे थे, तभी अचानक रात करीब 11 बजे झोपड़ी में आग लग गई।
फूस के छप्पर से लगी आग ने देखते ही देखते पूरा घर अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के बाद लोगों ने आग बुझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि कोई भी मदद नहीं कर सका। इस दुर्घटना में हजारी और उनकी पोती अनुष्का की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संध्या को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया, जहां रास्ते में उसकी भी मौत हो गई।
ज्योति ने बचाई अपनी जान
इस हादसे में ज्योति ने अपनी जान बचाने के लिए झोपड़ी से भागकर जान बचाई। वह भागते हुए घर से बाहर निकलने में सफल रही और उसकी जान बच गई। ज्योति ने इस हादसे से बचने के बाद पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई। पुलिस ने घटना की जानकारी मिलने के बाद तुरंत शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी है।
आर्थिक मदद की घोषणा
इस घटना के बाद क्षेत्रीय विधायक कैलाश कुशवाह ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवार के पास प्रतिनिधि भेजकर 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी। विधायक ने कहा कि वह पीड़ित परिवार के साथ हैं और उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
पुलिस जांच की जानकारी
बैराड़ थाना प्रभारी विकास यादव ने बताया कि घटना के दौरान जिस झोपड़ी में आग लगी थी, उसमें फूस का छप्पर डला हुआ था, जो आग पकड़ने के कारण बहुत जल्दी जल गया। उन्होंने बताया कि हजारी और उसकी दो पोतियों को झोपड़ी से बाहर निकालने के बाद ही राहत कार्य शुरू किया गया था। हजारी और अनुष्का की मौत मौके पर ही हो गई थी, जबकि संध्या को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया था। हालांकि, संध्या की भी रास्ते में मौत हो गई।
वर्तमान में पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम करवा लिया है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आग कैसे लगी और क्या इसमें किसी तरह की लापरवाही शामिल है।
फूस के छप्पर में आग लगने की घटनाएं
यह हादसा इस बात का संकेत देता है कि मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में फूस के छप्पर वाली झोपड़ियों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह के दुखद घटनाएं न घटें।
यह घटना ग्रामीण इलाकों में पुराने घरों के निर्माण और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है, और प्रशासन से ऐसे घरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठ रही है।