संसद में हाल ही में हुई घटना के बाद, रायबरेली जनपद में एक नया विवाद उभरकर सामने आया है। पोस्टर वार के जरिए विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने विपक्ष के नेता और जिले के सांसद राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को चुरुवा बार्डर से लेकर शहर के विभिन्न इलाकों में ‘रायबरेली आज शर्मिंदा है’ जैसे तंज़ भरे पोस्टर चिपकाए गए, जिनमें राहुल गांधी से जुड़े गंभीर सवाल उठाए गए हैं। यह पोस्टर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने के साथ ही लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं।
पोस्टरों में राहुल गांधी पर कई तीखे सवाल उठाए गए हैं, जिनमें हिंदू धर्म के प्रति उनकी कथित नफरत, भारत विरोधी विचारधारा, और आतंकवादी अफजल गुरु से संबंधों के बारे में सवाल उठाए गए हैं। ‘हिंदू दर्जी कन्हैयालाल से नफरत, मुस्लिम दर्जी से प्यार क्यों?’, ‘भारत विरोधियों से हमदर्दी क्यों?’ जैसे सवालों ने इन पोस्टरों को और भी विवादित बना दिया। इसके अलावा, जॉर्ज सोरोस से राहुल गांधी के कथित रिश्ते और आतंकवादी अफजल गुरु के प्रति सहानुभूति पर भी सवाल उठाए गए हैं।
विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिंह ने इन पोस्टरों के जरिए राहुल गांधी की विचारधारा पर सवाल उठाया है, जिनसे अब रायबरेली की जनता में गहरी बेचैनी फैल गई है। हालांकि, जब इस मामले पर राहुल सिंह से बात करने की कोशिश की गई, तो उनका फोन नहीं उठा।
पोस्टरों के इस विवाद ने एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के बीच तनातनी को बढ़ा दिया है। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि यह एक साजिश है, जिसका मकसद राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता को नुकसान पहुंचाना है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने कहा, “राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ रही है, जिससे भाजपा बौखलाहट में है। भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों लोगों को एकजुट किया, और भाजपा इसे देखकर परेशान हो गई है। यह पोस्टर और होर्डिंग्स सिर्फ एक बौखलाहट की प्रतिक्रिया हैं।”
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी इन आरोपों को नकारते हुए इसे भाजपा की साजिश बताया। उनका कहना है कि भाजपा इस तरह के मुद्दों से मुख्य सवालों को भटकाना चाहती है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी भाजपा पर तंज कसते हुए कहा था कि भाजपा की कहानियों में कोई सच्चाई नहीं होती, ये सिर्फ झूठी बातें फैलाने का काम करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सिर्फ मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है।
रायबरेली, जो कभी सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र था, अब राहुल गांधी के लिए एक नया राजनीतिक अध्याय बन चुका है। यहां की जनता ने उन्हें बड़े धूमधाम से चुनाव जीताया था, लेकिन इस चुनाव के बाद ही पोस्टर वार की शुरुआत हो गई थी। रायबरेली में वायनाड से जुड़े विवाद के बाद भी पोस्टर और पत्थरबाजी की चर्चाएं हुई थीं, लेकिन अब एक बार फिर यह मुद्दा गरमाया है। शनिवार को लगाए गए पोस्टरों में राहुल गांधी से कई तीखे सवाल पूछे गए हैं, और यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि विपक्ष के नेता को उनके संसदीय क्षेत्र में घेरने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल, ये विवाद उस समय के बाद और भी बढ़ गया जब दिल्ली पुलिस ने संसद में भाजपा सांसदों पर हुए हमले के मामले में राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की। दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो भाजपा सांसदों प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत को चोट पहुंचाने से जुड़ा है। इस घटना ने पूरे देश में राजनीति के नए रंग दिखाए हैं और अब इस मामले का असर रायबरेली तक पहुंच गया है।
कांग्रेस ने आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा को पूरी तरह नकारात्मक रूप से संबोधित किया। पार्टी ने कहा कि यह अभियान राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से डरकर शुरू किया गया है। उनका कहना था कि भाजपा की साजिशें कभी भी सफलता नहीं पा सकतीं, क्योंकि जनता राहुल गांधी के साथ खड़ी है।
रायबरेली में अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या पोस्टर वार और आरोप-प्रत्यारोप की इस राजनीति से राहुल गांधी के खिलाफ कोई असर पड़ेगा, या यह सिर्फ भाजपा की एक और साजिश साबित होगी? फिलहाल, पूरे जिले में यह मामला गर्म है, और कांग्रेस एवं भाजपा के बीच इस संघर्ष को लेकर एक नई राजनीति की शुरुआत हो सकती है।