मोहाली में छह मंजिली इमारत गिरने से मची अफरा-तफरी, दो की मौत, मलबे में और लोग दबे होने की आशंका

मोहाली के सोहाना गांव में शनिवार शाम हुए एक भयावह हादसे ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। यहां एक छह मंजिला इमारत गिरने से दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मलबे में और लोग दबे होने की आशंका जताई जा रही है। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है, और अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया है। इस घटना ने इलाके में अफरा-तफरी मचा दी, और अब प्रशासन इस दुर्घटना के कारणों की गहन जांच कर रहा है।

क्या हुआ था हादसा?

शनिवार शाम को सोहाना गांव के एक इलाके में स्थित एक छह मंजिला इमारत के पास बेसमेंट की खुदाई का काम चल रहा था। अचानक से नींव हिलने लगी और देखते ही देखते पूरी इमारत धराशायी हो गई। स्थानीय लोगों के मुताबिक, पहले तो उन्हें लगा कि भूकंप आया है, लेकिन जैसे ही इमारत गिरने लगी, लोग समझ गए कि कुछ गंभीर हादसा हो चुका है। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और लोग बाहर भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन इमारत गिरने के कारण कई लोग मलबे में दब गए।

मलबे में और लोग दबे होने की आशंका

फिलहाल, मलबे से अब तक एक हिमाचल प्रदेश की रहने वाली युवती और एक युवक के शव निकाले जा चुके हैं। यह दोनों जिम में प्रैक्टिस कर रहे थे, जो इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित था। राहत और बचाव दल की टीमें मलबे को सावधानीपूर्वक हटाते हुए अन्य संभावित लोगों को तलाश रही हैं। पुलिस का मानना है कि मलबे में तीन से चार और लोग दबे हो सकते हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

जिम्मेदारों पर कार्रवाई, दो आरोपी फरार

मोहाली पुलिस ने इस घटना के संबंध में इमारत के मालिक परविंदर सिंह और गगनदीप सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं, और उनकी तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि बेसमेंट की खुदाई के लिए न तो कोई अनुमति ली गई थी और न ही सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए थे। इमारत में ज्यादा लोग नहीं थे, केवल ग्राउंड फ्लोर पर स्थित जिम में पांच से छह लोग मौजूद थे, जिनमें से दो की मौत हो गई और अन्य की तलाश की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने लिया मामले का संज्ञान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी और एसएसपी से घटना की जानकारी ली और राहत कार्यों को तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और मलबे में दबे लोगों की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। राहत टीमों ने रातभर मलबे में दबे लोगों को निकालने के प्रयास जारी रखे, जबकि अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ घंटों में और शवों की निकासी हो सकती है।

आखिर क्यों हुआ हादसा?

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इमारत के बगल में बेसमेंट खुदाई के दौरान खुदाई की गई मिट्टी ने इमारत की नींव को कमजोर कर दिया, जिससे यह हादसा हुआ। इस मामले में स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का कहना है कि बिना अनुमति के किए गए निर्माण कार्यों और सुरक्षा उपायों की कमी ने इस त्रासदी को जन्म दिया।

इस हादसे ने प्रशासन के खिलाफ सवाल उठाए हैं, खासकर जब से यह स्पष्ट हुआ कि इमारत के मालिकों ने सुरक्षा नियमों की अनदेखी की थी। अब पूरे मोहाली क्षेत्र में इस प्रकार के निर्माण कार्यों की जांच शुरू की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

क्या होगा आगे?

यह हादसा मोहाली में एक भयंकर चेतावनी के रूप में उभरा है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में और लोगों को बचाने में कितनी सफल हो पाता है, और क्या इमारत के मालिकों और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। राहत कार्यों के साथ-साथ इस घटना के बाद के प्रभावों पर भी प्रशासन की नजर है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।

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