झारखंड विधानसभा चुनाव में 16 सीटें हासिल करने के बाद कांग्रेस अब अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए नए कदम उठाने जा रही है। हालांकि, पार्टी किंग मेकर की भूमिका में नहीं आ पाई, लेकिन अब उसने अपने मिशन और एजेंडे को हर घर तक पहुंचाने के लिए एक राज्यव्यापी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी ने शनिवार को इस अभियान की घोषणा की और बताया कि जनवरी के पहले हफ्ते में यह अभियान राज्यभर में शुरू होगा।
कांग्रेस का नया मिशन
झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने एक बैठक के दौरान कहा कि पार्टी राज्य में अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहती है, जिन्होंने गठबंधन सरकार को सत्ता में वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत की। मीर ने यह भी कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एक कैलेंडर जारी किया जाएगा, जिसमें आगामी दिनों में आयोजित किए जाने वाले अभियान और कार्यक्रमों का विवरण होगा। पार्टी 6 या 7 जनवरी से शुरू होने वाले इस अभियान के तहत घर-घर जाकर अपने मिशन और एजेंडे को फैलाएगी।
संविधान बचाओ आंदोलन
झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि पार्टी राज्य में संगठन को और मजबूत करने की दिशा में काम करेगी और संविधान की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपना विरोध जारी रखने की बात कही, जिन पर कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि उन्होंने संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर का अपमान किया है। कांग्रेस का कहना है कि अमित शाह के भाषण में बाबा साहब का अपमान हुआ, और इसी कारण दोनों पार्टियां संसद में आमने-सामने आईं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन भी किए थे और एक-दूसरे पर धक्का-मुक्की करने के आरोप लगाए थे।
आगे क्या होगा?
कांग्रेस का यह अभियान झारखंड में भाजपा को घेरने और आंबेडकर का अपमान करने के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पार्टी ने यह फैसला लिया है कि वे इस मुद्दे को लेकर जन जागरूकता फैलाएंगे और भाजपा के खिलाफ अपने संघर्ष को और तेज करेंगे।
इस अभियान का उद्देश्य न सिर्फ पार्टी संगठन को मजबूत करना है, बल्कि यह भी दिखाना है कि कांग्रेस अपनी राजनीतिक लड़ाई में पीछे नहीं हटने वाली है। आने वाले दिनों में इस अभियान का क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या यह अभियान झारखंड में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत कर पाएगा, या भाजपा के खिलाफ यह केवल एक और आंदोलन साबित होगा?