गाजा पर इजराइल के हमले जारी, 14 महीने बाद भी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा – शांति वार्ता में नया संकट!

गाजा में जारी इजराइल के हमले और शांति वार्ता के बीच तनाव और जटिलताएँ बढ़ती जा रही हैं। गाजा युद्ध को 14 महीने हो चुके हैं, और इस बीच फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हाल ही में हुए इजराइली हमलों में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं। स्थानीय ‘सिविल डिफेंस’ ने बताया कि गाजा शहर में विस्थापित लोगों के लिए शरण स्थल बने एक स्कूल पर हुए हमले में छह लोगों की जान चली गई, जिनमें चार बच्चे भी शामिल थे।

इजराइल की सेना का दावा है कि उसने इस हमले में शरण लिए हुए हमास आतंकवादियों को निशाना बनाया था, लेकिन फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत से यह मामला और भी जटिल हो गया है। गाजा के ‘अल-अक्सा शहीद’ अस्पताल ने शनिवार रात दीर अल-बला इलाके में एक घर पर हुए हमले में आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि की। इसके बाद, गाजा के नासिर अस्पताल ने रविवार को जानकारी दी कि खान यूनिस शहर में एक और हमले में दो लोग मारे गए।

इजराइल के हमले और सीजफायर की बातचीत में बाधा

इजराइल के हमले के बावजूद, शांति वार्ता की कोशिशें दोहा में जारी हैं, जहां दोनों पक्ष युद्धविराम पर बातचीत कर रहे हैं। इन हमलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में आलोचनाओं का दौर जारी है, क्योंकि इन हमलों से शांति वार्ता की संभावनाओं को खतरा उत्पन्न हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये हमले सीजफायर की कोशिशों को विफल कर सकते हैं, खासकर जब इजराइल और हमास के बीच नई शांति वार्ता की उम्मीदें प्रबल हो रही थीं।

हालांकि, इजराइली सेना की ओर से इन हमलों पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इन हमलों ने गाजा में बढ़ती हिंसा और शांति की संभावना को लेकर सवाल उठाए हैं। इजराइल द्वारा की जा रही इन कार्रवाइयों को शांति वार्ता के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है, जिससे एक बार फिर युद्धविराम की प्रक्रिया में रुकावट का डर पैदा हो गया है।

हमास की शर्तों पर शांति वार्ता का संकट

गाजा में बढ़ती हिंसा के बीच, दिसंबर में फिर से शुरू हुई युद्धविराम वार्ता को लेकर भी तनावपूर्ण स्थिति बन गई है। हमास ने कहा है कि वे इस बार समझौते के सबसे करीब हैं, लेकिन उनका यह कहना है कि यदि इजराइल अब नई शर्तें न लगाए, जैसा कि पहले के समझौतों के दौरान हुआ था, तो बात बन सकती है। एक महत्वपूर्ण शर्त के रूप में हमास ने फिलिस्तीनी कैदी मारवान बरगौती की रिहाई की मांग की थी, जिसे इजराइल ने अस्वीकार कर दिया। इजराइल का यह कदम शांति वार्ता में फिर से विघ्न डाल सकता है, जिससे एक बार फिर दोनों पक्षों के बीच संघर्ष का सिलसिला बढ़ सकता है।

इस बीच, इजराइल के हमले और फिलिस्तीनी नागरिकों की मौतों ने शांति की उम्मीदों को चोट पहुँचाई है, और वार्ता में एक नया संकट उत्पन्न हो गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों पक्ष इस संकट को हल कर पाते हैं, या गाजा में और भी हिंसा का दौर जारी रहेगा।

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