छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम खपरी का एक 12 वर्षीय छात्र धर्म सौरभ साहू, अपनी अद्वितीय प्रतिभा के लिए चर्चा में है। यह छात्र, जो महज 12 साल की उम्र में योग और मेडिटेशन के जरिए मस्तिष्क के पिनियल ग्लैंड को जागृत करने में सफल रहा है, अब आंखों पर पट्टी बांधकर किसी भी चीज़ या रंग को पहचानने में सक्षम है। इतना ही नहीं, वह हाथों के साथ-साथ पैरों से भी किसी चीज़ का स्पर्श कर उसकी पूरी जानकारी दे सकते हैं। यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह एक सच्चाई है जिसे हाल ही में TV9 भारतवर्ष द्वारा रियलिटी चेक के रूप में प्रमाणित किया गया।
योग और मेडिटेशन से जागृत हुआ पिनियल ग्लैंड
धर्म सौरभ ने अपनी इस अद्भुत क्षमता को प्राप्त करने के लिए 2022 में योग और मेडिटेशन की कक्षा में भाग लिया था। इन कक्षाओं में उन्हें बताया गया कि मस्तिष्क में एक महत्वपूर्ण ग्रंथि पिनियल ग्लैंड होती है, जो इन्द्रियों से संबंधित कार्यों को नियंत्रित करती है। इसके बाद से उन्होंने नियमित रूप से घर पर अभ्यास शुरू किया और धीरे-धीरे इस हुनर में पारंगत हो गए। यह प्रगति इतनी तेज़ थी कि वह बिना देखे किताब पढ़ने में भी सक्षम हो गए। इसके अलावा, वह किसी भी रंग को सिर्फ स्पर्श करके पहचान सकते हैं, जो कि उनके द्वारा प्राप्त की गई एक असाधारण क्षमता है।
साधारण परिवार से आया यह छात्र
धर्म सौरभ एक साधारण परिवार से आता है। उनके पिता बालोद जिला सत्र न्यायालय में एक अधिवक्ता हैं। धर्म सौरभ साहू बालोद के आत्मानंद स्कूल में कक्षा 7वीं के छात्र हैं। छात्र के मुताबिक, योग और मेडिटेशन की कक्षाएं 2022 में शुरू हुई थीं, जिसमें पिनियल ग्लैंड को सक्रिय करने के तरीके सिखाए गए थे। इसके बाद उन्होंने नियमित अभ्यास किया और जो परिणाम सामने आए, उन्होंने खुद भी विश्वास नहीं किया। इस सफलता का एक बड़ा कारण यह भी है कि उन्होंने मोबाइल से दूरी बनाकर रखी, जिससे उनका पिनियल ग्लैंड सही तरीके से सक्रिय हो सका।
मोबाइल का नकारात्मक प्रभाव और अभ्यास की अहमियत
धर्म सौरभ के पिता के मुताबिक, गांव में आयोजित इस प्रशिक्षण में बच्चों को मोबाइल से दूरी बनाए रखने का भी विशेष ध्यान रखा गया। योग और मेडिटेशन के इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले बच्चों से कहा गया कि वे मोबाइल का कम से कम इस्तेमाल करें, क्योंकि अत्यधिक मोबाइल प्रयोग से पिनियल ग्लैंड का सही ढंग से विकास नहीं हो पाता। यही कारण है कि अधिकांश लोग ऐसी विशिष्ट क्षमताओं को नहीं प्राप्त कर पाते।
धर्म सौरभ का ये कौशल एक प्रेरणा है
धर्म सौरभ की सफलता उन बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो अपनी क्षमता और कौशल को पहचानने के लिए योग और मेडिटेशन का रास्ता अपनाने में संकोच करते हैं। यह भी एक उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन और नियमित अभ्यास से व्यक्ति किसी भी आयु में असाधारण कौशल प्राप्त कर सकता है। योग और मेडिटेशन के लाभों को समझते हुए, धर्म सौरभ ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि प्रयास सही दिशा में किए जाएं, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
इस प्रकार, धर्म सौरभ साहू ने न केवल अपनी उम्र में एक नई पहचान बनाई है, बल्कि यह भी साबित किया है कि योग और मेडिटेशन केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक और बौद्धिक क्षमताओं को भी विकसित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस प्रेरणादायक कहानी से यह स्पष्ट होता है कि हर व्यक्ति के भीतर अद्भुत प्रतिभा छिपी होती है, जिसे सही दिशा और साधना से बाहर लाया जा सकता है।