केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने त्रिपुरा में ब्रू आदिवासी समुदाय के लोगों से मुलाकात की और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया। गृह मंत्री ने त्रिपुरा के दूरदराज क्षेत्र, बुरहा पाड़ा में स्थित ब्रू परिवारों के घरों में जाकर उनका हालचाल पूछा। इस दौरान, उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि लोगों को समय पर राशन मिल रहा है या नहीं और स्कूलों की स्थिति कैसी है। अमित शाह ने विशेष रूप से युवाओं से बात की और उनसे उनकी आजीविका के साधनों के बारे में पूछा, साथ ही भारत सरकार की योजनाओं का पूरी तरह से लाभ उठाने की सलाह दी।
ब्रू (रियांग) समुदाय के पुनर्वास की योजना पर अमित शाह का बयान
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि सरकार विस्थापित ब्रू (रियांग) परिवारों के पुनर्वास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और केंद्र सरकार त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर हर संभव प्रयास कर रही है ताकि ये लोग अपने घरों में सम्मानजनक जीवन जी सकें। उन्होंने कहा, “मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने त्रिपुरा में सभी विस्थापित ब्रू परिवारों का पुनर्वास सफलतापूर्वक किया है।”
ब्रू समुदाय के लिए जीवन यापन के नए अवसर
गृहमंत्री ने ब्रू आदिवासी समुदाय से बात करते हुए यह भी बताया कि सरकार ने उनके लिए 25 प्रकार के आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए हैं, जिनमें डेयरी, पशुपालन, मधुमक्खी पालन और बाजरा की खेती शामिल हैं। अमित शाह ने कहा, “सरकार ने यहां के लोगों के लिए न केवल आश्रय उपलब्ध कराया है, बल्कि उनके जीवन यापन के लिए कई अवसर भी प्रदान किए हैं, जिससे वे अपनी आजीविका को बेहतर बना सकें।”
ब्रू आदिवासी समुदाय के घरों का दौरा और समस्याओं की जानकारी
गृहमंत्री अमित शाह ने ब्रू (रियांग) परिवारों के कई घरों का दौरा भी किया और लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 23 साल तक दयनीय स्थिति में रहने वाले ब्रू समुदाय के लोगों को अब त्रिपुरा में बेहतर जीवन की सुविधाएं मिल रही हैं, जैसे कि पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा। उन्होंने कहा, “अब ब्रू समुदाय के लोग त्रिपुरा में एक सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं, और उन्हें जीवन की बुनियादी सुविधाओं की कोई कमी नहीं है।”
त्रिपुरा में भाजपा सरकार की उपलब्धियों पर अमित शाह का बयान
अमित शाह ने इस मौके पर त्रिपुरा में भाजपा सरकार की उपलब्धियों को भी साझा किया और राज्य में सुशासन का दावा किया। उन्होंने कहा, “त्रिपुरा में नल से जलापूर्ति की सुविधा 2018 में केवल 2.86 प्रतिशत थी, जो अब 2024 में बढ़कर 87 प्रतिशत हो गई है। यह हमारी सरकार द्वारा किए गए सुशासन का प्रमाण है।”
ब्रू आदिवासी समुदाय का दयनीय जीवन और सरकार की पहल
अमित शाह ने बताया कि मिजोरम के तीन जिलों – लुंगलेई, ममित और कोलासिब – से ब्रू प्रवासी 1997, 1998 और 2009 में मिजोरम में ब्रू और मिजो समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा के कारण त्रिपुरा के उत्तरी जिले में शरण लेने आए थे। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने उनके पुनर्वास के लिए ठोस कदम उठाए, और आज ब्रू परिवारों को स्थायी घर, आधार कार्ड और मतदाता कार्ड जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। इस अवसर पर, उत्तम कुमार रियांग ने गृहमंत्री अमित शाह को बताया कि पहले वे झुग्गियों में रहते थे, लेकिन अब उनके पास पक्के घर हैं और वे सम्मानपूर्वक अपना जीवन जी रहे हैं।
ब्रू आदिवासी समुदाय की सरकार से उम्मीदें
इस मुलाकात के दौरान, ब्रू समुदाय के लोगों ने अपनी खुशी व्यक्त की कि उन्हें अब उनके हक और अधिकार मिल रहे हैं। उत्तम कुमार रियांग ने कहा, “अब हम सुरक्षित और स्थिर जीवन जी रहे हैं। हमारे पास पक्के घर हैं और हम अब न केवल अपनी पहचान के साथ जी रहे हैं, बल्कि अपनी आवाज भी उठा रहे हैं।”
अमित शाह के इस दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार ब्रू समुदाय के पुनर्वास में गंभीर है और भविष्य में भी उन्हें बेहतर जीवन सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।