संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस पर श्री श्री रविशंकर का ऐतिहासिक संबोधन: आंतरिक शांति और वैश्विक एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर 21 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर संबोधन देने जा रहे हैं, जो एक ऐतिहासिक क्षण होगा। इस दिन के माध्यम से गुरु जी दुनिया को आंतरिक शांति और वैश्विक एकता की दिशा में एक नई दिशा दिखाएंगे। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर का यह संबोधन दुनिया भर में ध्यान की शक्ति और उसके समाज पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव को मान्यता देने वाला होगा।

180 से अधिक देशों में व्याप्त मानवता की पहल

आध्यात्मिक गुरु के नेतृत्व में आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रमों ने दुनिया भर के 180 से अधिक देशों में लाखों लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। श्री श्री रविशंकर ने ध्यान और आंतरिक शांति को समाज में प्रमुख स्थान दिलाया, खासकर तब जब संयुक्त राष्ट्र ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया। गुरुदेव ने इस अवसर पर कहा, “यह एक स्वागत योग्य कदम है। आखिरकार ध्यान को वह मान्यता मिली है, जिसका यह हकदार है।”

ध्यान: मानसिक शांति और सक्रियता का संगम

श्री श्री रविशंकर का मानना है कि ध्यान केवल विश्राम की एक तकनीक नहीं, बल्कि यह वर्तमान क्षण में जीने की कला है। ध्यान न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि यह व्यक्तियों की आंतरिक क्षमता को भी जागृत करता है। यह लोगों को चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाता है और बाहरी सक्रियता के साथ आंतरिक शांति की स्थिति प्राप्त करने में मदद करता है।

सितारों ने भी अनुभव की ध्यान की शक्ति

श्री श्री रविशंकर के ध्यान कार्यक्रमों से प्रभावित होने वालों में कई बॉलीवुड सितारे और खिलाड़ी भी शामिल हैं। प्रसिद्ध अभिनेत्री अनुष्का सेन ने ध्यान का अनुभव साझा करते हुए कहा, “पहली बार ध्यान किया, वह अनुभव बहुत शक्तिशाली था। मेरा दृष्टिकोण पहले से कहीं अधिक स्पष्ट हो गया और मैं खुद को अधिक खुश और शांत महसूस करने लगी।”

भारतीय हॉकी टीम की उपकप्तान वंदना कटारिया ने भी ध्यान के प्रभाव के बारे में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “सुदर्शन क्रिया ने हमारी टीम की जीवनशैली को बदल दिया है। पहले कभी-कभी नकारात्मकता आती थी, लेकिन अब हम सकारात्मकता से भरे रहते हैं। अब मैं हर दिन मुस्कान के साथ उठती हूं और ध्यान के लिए गुरुदेव को धन्यवाद देती हूं।”

आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स से मिली सकारात्मक परिवर्तन

आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स ने न केवल व्यक्तिगत जीवन में बदलाव लाया, बल्कि इसने समाज में भी सकारात्मक प्रभाव डाला है। अभिनेत्री जैस्मीन भसीन ने कहा, “इस कोर्स में हम सीखते हैं कि ध्यान कैसे किया जाता है। मैंने महसूस किया कि ध्यान से हमारा मन उस स्तर पर पहुंचता है, जहां हमें हर चीज को बेहतर समझने की क्षमता मिलती है। यह कोर्स हर स्कूल में अनिवार्य होना चाहिए क्योंकि यह न केवल हमारी मानसिक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि जीवन के सभी पहलुओं में सफलता दिलाने में मदद करता है।”

800 मिलियन से अधिक जीवन में परिवर्तन

आर्ट ऑफ लिविंग के ध्यान कार्यक्रमों ने 800 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। जब गुरुदेव श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में पहले विश्व ध्यान दिवस का नेतृत्व करेंगे, तो यह ध्यान की शक्ति को पहचानने का एक ऐतिहासिक क्षण होगा। यह कार्यक्रम न केवल लोगों को आनंदित करेगा, बल्कि समुदायों में बदलाव लाकर एक बेहतर भविष्य की नींव भी रखेगा।

21 दिसंबर को होने वाला यह आयोजन न केवल ध्यान की शक्ति को वैश्विक स्तर पर मान्यता देने का एक प्रयास होगा, बल्कि यह दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने और उन्हें आंतरिक शांति प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित करेगा।

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