लोकसभा सत्र में हंगामे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की, लेकिन अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद एक विवाद में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। संसद भवन में हुई धक्का-मुक्की की घटना के बाद, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस घटना ने सियासी माहौल को और भी गरम कर दिया है और अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है।
आंबेडकर विवाद और धक्का-मुक्की: आंबेडकर के अपमान को लेकर विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, ने सरकार पर हमला बोलते हुए संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था। इसी बीच, मकर द्वार के पास हुए इस विरोध प्रदर्शन के दौरान दोनों पक्षों के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई। इस झड़प में भाजपा के दो सांसद, प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए। दोनों सांसदों को गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने ही धक्का मारा, जिसके कारण सांसद घायल हुए। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी पर शारीरिक हमला करने और उकसाने का आरोप लगाया, साथ ही एफआईआर दर्ज करवाई है। राहुल गांधी पर आईपीसी की 6 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें स्वेच्छा से चोट पहुंचाना, आपराधिक बल प्रयोग, और दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालने जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।
लोकसभा स्पीकर का निर्देश: धक्का-मुक्की के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद भवन के द्वारों पर प्रदर्शन करने पर सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अब कोई भी सांसद या राजनीतिक दल संसद भवन के किसी भी द्वार पर प्रदर्शन नहीं करेगा। इससे पहले, कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने संसद भवन के मकर द्वार के पास लगातार विरोध प्रदर्शन किए थे, लेकिन अब स्पीकर ने इसे रोकते हुए संसद परिसर में शांति बनाए रखने की अपील की है।
राहुल गांधी पर FIR और पुलिस की कार्रवाई: बीजेपी सांसदों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की 6 धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि वे मामले की जांच करेंगे और अगर जरूरत पड़ी, तो राहुल गांधी से पूछताछ की जा सकती है। पुलिस अब लोकसभा सचिवालय से उस स्थान की सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने का प्रयास करेगी, जहां यह घटना हुई थी।
राहुल गांधी पर जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें गंभीर चोट पहुंचाने की धारा 117, शारीरिक हमले की धारा 115, और दूसरों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली धारा 125 शामिल हैं। इन धाराओं के तहत सजा की अवधि 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है। हालांकि, इन धाराओं में से अधिकांश जमानती हैं, लेकिन धारा 117 के तहत सजा की गंभीरता चोट की प्रकृति पर निर्भर करेगी।
बीजेपी और कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोप: बीजेपी ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर अपने समर्थकों को उकसाया और विरोध प्रदर्शन को हिंसक बनाने की कोशिश की। बीजेपी सांसद हेमांग जोशी और अनुराग ठाकुर समेत अन्य नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन को रोकने के बावजूद सुरक्षाकर्मियों की सलाह का उल्लंघन किया और शारीरिक रूप से सांसदों को नुकसान पहुंचाया।
वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को नकारते हुए कहा है कि बीजेपी सांसदों ने खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को धक्का दिया और फिर राहुल गांधी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए। कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह अपनी सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध को दबाने के लिए इस तरह के झूठे आरोप लगा रही है।
घायल सांसदों की स्थिति: घायल बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है। दोनों को पहले आईसीयू में रखा गया था, लेकिन अब उनकी स्थिति सामान्य है। दोनों सांसदों के सिर में चोटें आई थीं और सीटी स्कैन तथा MRI रिपोर्ट भी सामान्य आई हैं। चिकित्सकों का कहना है कि दोनों सांसदों की स्थिति में सुधार हो रहा है और अब वे खतरे से बाहर हैं।
संसदीय सत्र और भविष्य की स्थिति: संसद का यह सत्र पहले ही आंबेडकर और संविधान से जुड़े मुद्दों पर हंगामे से घिरा हुआ था, और अब यह धक्का-मुक्की का मामला और भी तूल पकड़ सकता है। लोकसभा की कार्यवाही फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है, लेकिन यह देखा जाएगा कि इस मामले पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच की खाई को और भी गहरा कर सकती है। अब सवाल यह है कि इस मामले में क्या राहुल गांधी को कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा और क्या यह सियासी घमासान आगे भी जारी रहेगा।