आज सरकार “एक देश, एक चुनाव” बिल की समीक्षा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन करेगी। खास बात यह है कि जेपीसी में अब 31 के बजाय कुल 39 सदस्य होंगे, जिसमें लोकसभा से 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य शामिल होंगे। पहले इसे 31 सदस्य बनाने की योजना थी, लेकिन कुछ दलों की आपत्तियों के बाद समिति में आठ और सदस्यों को शामिल किया गया।
जेपीसी में नए सदस्य शामिल किए गए हैं, जिनमें शिवसेना यूबीटी से अनिल देसाई, समाजवादी पार्टी से छोटेलाल, बीजेपी से वैजयंत पांडा, लोजपा (रामविलास) से शांभवी चौधरी, और सीपीएम से के. राधाकृष्णन प्रमुख हैं।
लोकसभा से इस समिति में बीजेपी के 12, कांग्रेस के 3, समाजवादी पार्टी के 2, तृणमूल कांग्रेस के 1, शिंदे सेना के 1, शिवसेना यूबीटी के 1, एनसीपी के 1, लोजपा के 1, जनसेना के 1, आरएलडी के 1, सीपीएम के 1, डीएमके के 1 और टीडीपी के 1 सदस्य होंगे।
कांग्रेस के प्रियंका गांधी, सुखदेव भगत और मनीष तिवारी भी इस समिति का हिस्सा होंगे। यह समिति अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के आखिरी हफ्ते में संसद में पेश करेगी।
12 दिसंबर को मोदी कैबिनेट ने “एक देश, एक चुनाव” बिल को मंजूरी दी थी, जिसमें 2034 के बाद एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने 14 मार्च 2024 को अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को सौंप दी थीं, जिसमें लोकसभा और सभी विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की गई थी।