सुप्रीम कोर्ट की गंभीर चेतावनी, किसान नेता डल्लेवाल की स्वास्थ्य पर चिंता, पंजाब सरकार को दी जिम्मेदारी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर गंभीर चिंता जताई, जो पिछले एक महीने से अधिक समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया कि डल्लेवाल की स्थिर स्वास्थ्य स्थिति सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर डल्लेवाल की स्थिति में और बिगाड़ आता है और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है, तो प्रशासन को तत्काल निर्णय लेना होगा।

पंजाब सरकार की जिम्मेदारी, सुप्रीम कोर्ट की सख्त चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जाए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि यदि डल्लेवाल की हालत बिगड़ती है, तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाए। पंजाब के एडवोकेट जनरल (एजी) ने अदालत में बताया कि अगर किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं होता है, तो डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने में कोई रुकावट नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया कि पंजाब के अधिकारियों ने डल्लेवाल के ब्लड सैंपल और ईसीजी रिपोर्ट का हवाला दिया है, और एक नई मेडिकल रिपोर्ट में यह कहा गया था कि डल्लेवाल की तबीयत फिलहाल स्थिर है, लेकिन उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखी जा रही है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि पंजाब सरकार को डल्लेवाल के इलाज के लिए एक अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था करनी चाहिए और उन्हें अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए किसी भी परिस्थिति में त्वरित निर्णय लेना चाहिए।

पंजाब सरकार ने बनाई अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था

पंजाब के एडवोकेट जनरल ने अदालत को बताया कि पंजाब सरकार ने खनौरी सीमा पर धरना स्थल के पास एक अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था की है, और अगर डल्लेवाल इसे मंजूरी देते हैं तो उन्हें इस अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि यदि जरूरत पड़े तो किसी अन्य अस्पताल में भी डल्लेवाल को तुरंत भर्ती किया जाए। अदालत ने यह भी बताया कि डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है।

डल्लेवाल का अनशन जारी, 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से यह भी कहा कि डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति की नियमित रिपोर्ट अदालत में दाखिल की जाए। डल्लेवाल 26 नवंबर से ही खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं, और वे सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि डल्लेवाल के जीवन को कोई खतरा नहीं होना चाहिए और पंजाब सरकार को इस बात की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि उनके जीवन में कोई नुकसान न पहुंचे।

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति में कोई और गिरावट आती है तो पंजाब सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी परिस्थिति में डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर होती है, तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।

इस बीच, डल्लेवाल के समर्थक उनके अनशन को लेकर चिंतित हैं और सरकार से उनकी मांगों को तुरंत पूरा करने की अपील कर रहे हैं। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और यह स्पष्ट नहीं है कि डल्लेवाल कब तक अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे।

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