संसद में संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद उत्पन्न विवाद ने गुरुवार को एक नया मोड़ लिया जब यह हंगामा धक्का-मुक्की में बदल गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी झड़पों ने एक नया राजनैतिक तूफान खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर हमले किए, वहीं बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पीयूष गोयल ने भी कांग्रेस पर जवाबी हमला किया।
शिवराज सिंह का गुस्सा: राहुल गांधी पर गंभीर आरोप
बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के नेताओं के व्यवहार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह साफ झलक रहा था कि इन नेताओं का अहंकार और बदसलूकी की मानसिकता चरम पर है। शिवराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने जानबूझकर सुरक्षा कर्मियों के आदेश को नजरअंदाज करते हुए संसद में बीजेपी सांसदों के बीच घुसने की कोशिश की और उनका अपमान किया।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने हमारे सांसदों के बीच पहुंचकर धमकी दी, यह एक अशोभनीय और गुंडागर्दी से भरा व्यवहार था। यह कांग्रेस के अहंकार का नतीजा था और इनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह साफ दिखाई दिया।”
राहुल गांधी के खिलाफ आरोपों की झड़ी
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, “क्या कांग्रेस और राहुल गांधी के साथ यह हो गया है कि वे संसद के भीतर इस तरह का बेहूदगीपूर्ण व्यवहार करेंगे? क्या महिला आदिवासी सांसदों के साथ ऐसा गंदा व्यवहार किया जाएगा? हमारी आदिवासी बहन कोन्याक ने इस मामले में सभापति से शिकायत की है और उन्हें खुद को असहज महसूस करने का सामना करना पड़ा।” शिवराज सिंह ने कहा कि यह संसद में होने वाली घटनाओं के बिल्कुल खिलाफ था, जहां महिलाओं और बुजुर्गों का सम्मान किया जाता है।
लोकतंत्र को कलंकित करने का आरोप
शिवराज सिंह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “राहुल गांधी और उनके समर्थकों ने 2 बजे संसद में प्रवेश करते ही अध्यक्ष की टेबल तक पहुंचने की कोशिश की। इसने लोकतंत्र को शर्मसार किया है और उन्होंने लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा दीं। क्या यह भारतीय संस्कृति है? क्या यह वही भारत है जो हमारे पितामह चाहते थे?”
उन्होंने आगे कहा, “आज कांग्रेस एक नया रास्ता चुन रही है, जहां विवाद और हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। क्या अब संसद में पहलवान और गुंडे आएंगे? यह एक नए भारत की तस्वीर नहीं हो सकती।”
कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए शिवराज सिंह ने कहा, “हमारे सांसदों ने इस घटनाक्रम पर शिकायत की है और हम सुनिश्चित करेंगे कि बीजेपी उचित कार्रवाई करे। लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।”
विपक्ष की जवाबी प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीति
हालांकि, इस घटनाक्रम पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से अपनी प्रतिक्रिया दी गई है। कांग्रेस ने बीजेपी पर तानाशाही रवैया अपनाने और संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने संसद में हंगामे के दौरान बीजेपी की भूमिका को लेकर तीखे बयान दिए और बीजेपी नेताओं के रवैये को लेकर सवाल उठाए।
यह मामला संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच एक नई सियासी लड़ाई को जन्म दे सकता है, जहां दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। यह घटनाक्रम केवल संसद के भीतर की राजनीति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आगामी चुनावों में यह मुद्दा एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट बन सकता है।
सवाल यह उठता है कि क्या इस विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच संबंधों में कोई सुधार होगा, या फिर यह हंगामा आगामी सत्रों में और भी उग्र हो जाएगा?