सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर किसान नेता डल्लेवाल की चिकित्सा स्थिति पर जताई चिंता, पंजाब सरकार को दी सख्त हिदायत

सुप्रीम कोर्ट ने आज शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई की, जिसमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर पंजाब सरकार से जवाब तलब किया गया। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता मुहैया कराने का आदेश दिया और उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में रिपोर्ट तलब की।

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “आपके अधिकारी डल्लेवाल को अदालत के मंच पर लाने के लिए उत्सुक क्यों हैं, जबकि एक 70 साल से अधिक उम्र का व्यक्ति जो पिछले 20 दिनों से भूख हड़ताल पर है, उसे चिकित्सा सहायता की जरूरत है?” उन्होंने पंजाब सरकार से पूछा कि डल्लेवाल के स्वास्थ्य की जांच करने के बजाय उन्हें अदालत में पेश करने की कोशिश क्यों की जा रही है। जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी कहा कि डल्लेवाल की ब्लड रिपोर्ट दिखानी चाहिए ताकि अदालत को उनकी स्वास्थ्य स्थिति का सही आकलन हो सके।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि वह डल्लेवाल को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करे, और कम से कम उनकी ब्लड रिपोर्ट पेश करे। जस्टिस सूर्यकांत ने कड़ा सवाल पूछा, “क्या कोई डॉक्टर बिना किसी टेस्ट के यह दावा कर सकता है कि वह ठीक हैं?” इस दौरान पंजाब सरकार के एडिशनल जनरल (एजी) गुरमिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने डल्लेवाल से बातचीत की है और उनकी निगरानी के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम को तैनात किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि “हवेली” नामक एक स्थान को अस्थायी अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और वहां सभी चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं।

इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अस्पताल की सुविधाओं को इस तरह कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है?” उन्होंने स्पष्ट किया कि डल्लेवाल को इलाज मिलने से पहले किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पंजाब सरकार से आग्रह किया कि उनकी प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि पहले डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता दी जाए, न कि उन्हें अदालत में लाने की जल्दबाजी हो।

पंजाब एजी ने कोर्ट में यह भी कहा कि डल्लेवाल खुद कोर्ट से बातचीत करना चाहते थे और इस प्रक्रिया में उन्होंने अदालत का धन्यवाद भी किया। हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि “चिकित्सा सहायता देने की प्रक्रिया को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है?” और उन्होंने यह भी कहा, “अगर अधिकारी कहते हैं कि डल्लेवाल का स्वास्थ्य ठीक है, तो हमें विश्वास करने के लिए कोई ठोस प्रमाण चाहिए।”

इसके बाद पंजाब एजी ने डल्लेवाल की मेडिकल रिपोर्ट पेश की और कहा कि उनकी टीम ने सभी जरूरी मेडिकल उपकरण और विशेषज्ञों को साइट पर तैनात किया है। लेकिन कोर्ट ने इस पर भी सवाल उठाया और कहा कि पंजाब सरकार को डल्लेवाल की ब्लड रिपोर्ट जल्द से जल्द पेश करनी चाहिए ताकि उनकी स्थिति का सही आकलन किया जा सके।

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी सवाल किया कि अगर स्थिति इतनी गंभीर नहीं है, तो क्यों पंजाब सरकार डल्लेवाल को अदालत के मंच पर लाने पर उतारू है? उन्होंने कहा, “यहां तक कि आपके अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी पर हम कैसे विश्वास कर सकते हैं?”

इस पर पंजाब एजी ने कोर्ट से वादा किया कि अगले दिन तक डल्लेवाल की मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट उपलब्ध करवा दी जाएगी और वह अपनी पूरी कोशिश करेंगे कि डल्लेवाल को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सके। जस्टिस सूर्यकांत ने भी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार की तत्परता को लेकर कड़ी निगरानी रखने की बात कही और कहा कि कोई भी हल्के में यह मामला नहीं ले सकता।

अब मामले की अगली सुनवाई कल दोपहर 12.30 बजे होगी, जब पंजाब सरकार को डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति की पूरी जानकारी अदालत के सामने पेश करनी होगी।

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