गाजीपुर में आग से झोपड़ी जलकर राख, 11 साल की मासूम की जान गई: ठंड से बचने की कोशिश में हुआ बड़ा हादसा

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रघुनाथपुर भड़ेवर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे थे, लेकिन इस अलाव ने एक परिवार को अपूरणीय क्षति दे दी। गांव के एक घर में अलाव की आग से लगी भीषण आग ने 11 साल की मासूम बच्ची की जान ले ली, जबकि बकरियां और गृहस्थी का सारा सामान भी जलकर राख हो गया। यह हादसा गाजीपुर के जखनिया तहसील क्षेत्र के रघुनाथपुर भड़ेवर गांव में हुआ, जो गाजीपुर और आजमगढ़ के बॉर्डर पर स्थित है।

हादसा रात को हुआ, जब परिवार सो रहा था

घटना का विवरण इस प्रकार है कि रघुनाथपुर भड़ेवर गांव के निवासी प्रमोद पासी अपनी 11 वर्षीय बेटी बरखा और 10-15 बकरियों के साथ एक झोपड़ी में सो रहे थे। प्रमोद की पत्नी बगल की झोपड़ी में सो रही थी। सुबह लगभग 4 बजे, प्रमोद की पत्नी अपनी बेटी को देखने के लिए पहुंची तो देखा कि उनकी झोपड़ी धूं-धूं कर जल रही है। आग इतनी तेज थी कि वह किसी को आवाज भी नहीं दे पाई और खुद ही पास के हैंडपंप से पानी लेकर आग बुझाने की कोशिश करने लगी। हालांकि, आग इतनी विकराल हो चुकी थी कि उसने झोपड़ी को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया।

मासूम बच्ची और बकरियां जलकर मारी गईं

आग की लपटों में झोपड़ी पूरी तरह जलकर राख हो गई, और इस दुर्घटना में प्रमोद की 11 साल की बेटी बरखा और उनकी बकरियां भी जलकर मारी गईं। घर का सारा सामान, जिसमें जरूरी घरेलू चीजें भी शामिल थीं, आग में जलकर राख हो गया। प्रमोद पासी, जो मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं, किसी तरह से झोपड़ी से बाहर निकलने में सफल रहे, जिससे उनकी जान बच गई।

आसपास के लोग पहुंचे और आग बुझाई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी

जब तक आसपास के गांववाले मौके पर पहुंचे और आग को बुझाया, तब तक मासूम बच्ची का शव पूरी तरह जल चुका था। ग्रामीणों ने शव को बाहर निकाला और पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। तहसीलदार, उप जिलाधिकारी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और घटना का मुआयना किया।

मुआवजा और राहत का आश्वासन दिया

घटना की जानकारी मिलने के बाद, गाजीपुर जिले के उप जिलाधिकारी रवीश गुप्ता, सीओ चोब सिंह, तहसीलदार लाल जी विश्वकर्मा, नायब तहसीलदार राजीव रंजन और ग्राम प्रधान ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को मुआवजा और राहत देने का आश्वासन दिया। अधिकारियों ने कहा कि इस दुखद घटना के बाद पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाएगी। मृतक के पिता प्रमोद पासी मानसिक रूप से बीमार थे, और मृतका की मां कौशल्या देवी बकरी पालन और मेहनत मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करती थीं।

ठंड के मौसम में अलाव के खतरे को लेकर सवाल

यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि ठंड के मौसम में अलाव की आग कितनी खतरनाक हो सकती है। जबकि अलाव से राहत पाने के लिए लोग इसका सहारा लेते हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं अलाव के अत्यधिक करीब होने के कारण ही होती हैं। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके और लोगों को सुरक्षित रहने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा सकें।

यह घटना गाजीपुर जिले में हुए एक दुखद हादसे की ओर इशारा करती है, जहां ठंड से बचने के नाम पर एक परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

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