नई दिल्ली, 15 दिसंबर 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 2025 तक भारत को टीबी (क्षय रोग) मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इस लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों के बीच एक विशेष क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। यह आयोजन देश में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने और प्रधानमंत्री मोदी की मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए था।
सांसदों का क्रिकेट मैच: टीबी मुक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों के बीच खेला गया यह मैच न केवल एक मनोरंजन का साधन था, बल्कि टीबी के खिलाफ जारी अभियान को बल देने का एक प्रभावशाली तरीका था। लोकसभा 11 ने यह मैच जीतकर साबित किया कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में सांसद भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। लोकसभा 11 के कप्तान सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने इस मैच के बाद कहा कि टीबी को समाप्त करने के लिए यह जरूरी है कि हर भारतीय इस रोग के प्रति जागरूक हो। उन्होंने कहा, “दुनिया भर में टीबी को खत्म करने का लक्ष्य 2030 तक रखा गया है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लिए यह लक्ष्य 2025 तक निर्धारित किया है। यह एक साहसिक कदम है, और हमें इसे हर घर तक पहुंचाने की जरूरत है।”
टीबी के मामलों में कमी: भारत का बेहतरीन प्रदर्शन
अनुराग ठाकुर ने आगे बताया कि 2015 से अब तक भारत में टीबी से होने वाली मौतों में 38 प्रतिशत की कमी आई है, और नए मामलों में भी 18 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो कि वैश्विक औसत से कहीं अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान भारत ने टीबी को समाप्त करने के लिए बेहतर कार्य किया है और अब हमें इस अभियान को और तेज़ी से आगे बढ़ाने की जरूरत है।
देशभर में जागरूकता फैलाने के लिए मैच का आयोजन
केन्द्रीय मंत्री राम महोन नायडू ने इस मौके पर कहा कि टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसने कई वर्षों से लाखों लोगों को प्रभावित किया है, और अब समय आ गया है कि इसे पूरी तरह से खत्म किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान को दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों में भी बढ़ावा दिया जाएगा।
दलगत राजनीति से ऊपर सांसदों की एकजुटता
इस क्रिकेट मैच में खास बात यह थी कि इसमें सभी दलों के सांसद एकजुट होकर मैदान में उतरे। विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों ने मिलकर यह साबित किया कि स्वस्थ भारत के लक्ष्य के लिए सभी को साथ आना चाहिए। कई सांसदों ने तो लंबे समय बाद मैदान में कदम रखा, और इस खेल में अपनी भूमिका निभाई। बेस्ट बॉलर का खिताब प्राप्त करने वाले रोहतक से सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि यह उनका करीब दस साल बाद पहला क्रिकेट मैच था और वे टीबी जैसी गंभीर बीमारी को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का योगदान
इस मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और पूर्व सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन भी शामिल हुए। उन्होंने राज्यसभा 11 की तरफ से खेलते हुए शानदार बैटिंग की और बेस्ट बैट्समैन का खिताब जीता। अजहरुद्दीन ने कहा, “मैं हमेशा किसी भी सामाजिक कार्य में भाग लेने के लिए तैयार हूं। टीबी मुक्त भारत की मुहिम को सफल बनाने के लिए यह क्रिकेट मैच एक बेहद प्रभावी तरीका साबित होगा।”
फिटनेस और खेल के महत्व पर जोर
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए फिटनेस अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “खेल लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखते हैं और यह मैच भी इस उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। खेल किसी भी राजनीतिक दल से ऊपर होता है और यह हमें एकजुट करता है। सांसदों का इस प्रकार मिलकर खेलना टीबी मुक्त भारत के संदेश को और भी मजबूत करेगा।”
आखिरकार, क्रिकेट ने दी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की एक नई दिशा
यह मैच सिर्फ एक क्रिकेट प्रतियोगिता नहीं था, बल्कि यह देशवासियों के बीच टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीबी मुक्त भारत मुहिम को गति देने और उसे हर नागरिक तक पहुंचाने के लिए इस तरह के आयोजन जरूरी हैं। सांसदों ने इस मैच में अपनी भागीदारी से यह संदेश दिया कि स्वस्थ भारत का निर्माण केवल खेल और शारीरिक सक्रियता से ही संभव है।
अब देखना यह होगा कि इस मैच से जो जागरूकता फैलाने की शुरुआत हुई है, वह देशभर में टीबी को खत्म करने के लक्ष्य में कितनी मददगार साबित होगी।