महाराष्ट्र में आज कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है, लेकिन उससे पहले शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस के बयान पर सवाल उठाते हुए उन पर तीखा हमला बोला है। राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को सबसे पहले अपने ही पार्टी के नेता अजित पवार को पार्टी से बाहर करना चाहिए था, जिनकी शपथ प्रधानमंत्री के समक्ष हुई थी, हालांकि उन्होंने अपने बयान में अजित पवार का नाम सीधे तौर पर लिया नहीं।
संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का जो कहना होता है, वह कभी भी नहीं करते और जो करने की बात करते हैं, वह कभी पूरा नहीं होता। उन्होंने एकनाथ शिंदे सरकार पर भी हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि शिंदे के साथ आए हुए 10-12 लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जिन पर ईडी और सीबीआई की रेड पड़ी थी। राउत ने पीएम मोदी के नेतृत्व में गौतम अडानी जैसे बड़े व्यापारियों को ‘टॉलरेट’ करने का भी आरोप लगाया, जबकि देश में जीरो टोलरेंस की बात की जा रही है।
राउत ने पीएम मोदी पर और भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपनी उपस्थिति में भ्रष्टाचार को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं और ना ही भ्रष्ट लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहे हैं। महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी राउत ने टिप्पणी की और कहा कि मुख्यमंत्री के जुलूस के पहले ईवीएम का जुलूस निकाला जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस राज्य में नई सरकार बने एक महीना हो गया है, लेकिन यह तक नहीं पता कि कौन सा विभाग किसके पास है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को संसद में अपने 11 संकल्पों का ऐलान करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार के प्रति देश की नीति में जीरो टोलरेंस होनी चाहिए और भ्रष्टाचारी की समाज में कोई स्वीकार्यता नहीं होनी चाहिए। राउत ने इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी सरकार की नीयत और कार्यशैली पर सवाल उठाए।
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और राउत के इस हमले के बाद अब यह देखना होगा कि पीएम मोदी और राज्य सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।