स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति में बीजेपी के वरिष्ठ नेता आडवाणी, ICU में इलाज जारी, देशभर में दुआओं का दौर

भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर बनी हुई है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती आडवाणी जी का इलाज चल रहा है, लेकिन उनकी तबीयत में कोई खास सुधार नहीं हो रहा है। 97 वर्षीय आडवाणी को उम्र संबंधी कई गंभीर बीमारियों का सामना है, और उनका स्वास्थ्य लगातार नाजुक बना हुआ है।

शनिवार को बिगड़ी तबीयत
शनिवार को आडवाणी जी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके यूरिनरी सिस्टम में मांसपेशियों की समस्या के कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो गया है। पिछले कुछ हफ्तों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी, और इस बार उनकी स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई। इस समय वे अपोलो अस्पताल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी की निगरानी में इलाज करवा रहे हैं।

जेपी नड्डा का आडवाणी से संपर्क
शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आडवाणी के परिवार और उनके डॉक्टरों से बात की, ताकि उनके इलाज के संबंध में पूरी जानकारी मिल सके। नड्डा ने आडवाणी की हालत पर चिंता जताई और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। आडवाणी के स्वास्थ्य के लिए देशभर में दुआओं का दौर चल रहा है, और बीजेपी के नेता समेत आम लोग भी उनके शीघ्र ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

बीमारी की वजह से सार्वजनिक जीवन से दूर आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अपनी बिगड़ती तबीयत के चलते वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में कम ही नजर आते हैं और अधिकांश समय अपने आवास पर ही रहते हैं। इस साल उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह इस सम्मान को ग्रहण करने के लिए समारोह में शामिल नहीं हो सके। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उनके घर जाकर उन्हें यह सम्मान प्रदान किया था।

आडवाणी का राजनीतिक करियर
लालकृष्ण आडवाणी का भारतीय राजनीति में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी राजनीति की यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू हुई थी, जहां उन्होंने 1947 में सचिव के तौर पर कार्य करना शुरू किया। 1970 में वह पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने और 1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद वह पार्टी के अध्यक्ष बने। आडवाणी जी ने 1998 से 2004 तक गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली और 2002 से 2004 तक उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

उनकी राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण मोड़ आए, और उनकी भूमिका बीजेपी की विचारधारा को फैलाने में अहम रही। 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया और अब 2024 में भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया था।

आखिरी दौर में आडवाणी का संघर्ष
हालांकि अब उनकी स्थिति कमजोर है, लेकिन आडवाणी का संघर्ष और योगदान भारतीय राजनीति के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा है कि उनका इलाज जारी रहेगा, लेकिन फिलहाल उनके स्वास्थ्य में कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई है।

आडवाणी की स्थिति पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, और देशभर से उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जा रही है। उनका जीवन भारतीय राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ चुका है, और अब सभी उनके स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।

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