किसान नेता डल्लेवाल की हालत बिगड़ी, गृह मंत्रालय और पंजाब पुलिस अधिकारी पहुंचे खनौरी बॉर्डर, बातचीत से हल की उम्मीद

खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान के बाद रविवार को गृह मंत्रालय के निदेशक मयंक मिश्रा और पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने डल्लेवाल से मुलाकात की और उनकी स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान, किसान संगठनों के नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई, जिसमें किसान नेताओं की मांगों पर चर्चा की गई।

सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई के बाद सरकार की पहल
गृह मंत्रालय के निदेशक मयंक मिश्रा ने कहा कि उन्होंने किसान नेताओं की सभी मांगों को सुना और वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए यहां आए हैं। मिश्रा ने यह भी कहा कि शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान के साथ एक बैठक हुई थी, जिसके बाद यह मुलाकात संभव हो पाई। इस मुलाकात से यह संकेत मिल रहे हैं कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत का रास्ता खुल सकता है।

पंजाब डीजीपी की चिंता और अपील
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि उन्होंने डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी ली और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की ओर से डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “हमने डल्लेवाल साहब को आपातकालीन चिकित्सा सहायता मुहैया कराने की अपील की है। उनका जीवन बेहद कीमती है और उनका खनौरी बॉर्डर पर रहना और इस आंदोलन का नेतृत्व करना बहुत जरूरी है।” उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन इस मुद्दे का हल निकालने के लिए समन्वय में काम कर रहे हैं।

20 दिन से अनशन पर हैं डल्लेवाल
खनौरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत पिछले कुछ दिनों में लगातार बिगड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सरकार से डल्लेवाल से बात करने और उनका अनशन समाप्त कराने का आदेश दिया था। इसके बाद आज अधिकारियों ने डल्लेवाल से मुलाकात की। किसानों के बीच डल्लेवाल की तबीयत को लेकर चिंता का माहौल है, और कई नेता उनसे मुलाकात करने पहुंच रहे हैं।

दिल्ली कूच की कोशिश और पुलिस की कार्रवाई
वहीं, शंभू बॉर्डर पर किसानों ने 14 दिसंबर को तीसरी बार दिल्ली कूच की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई के दौरान कई किसान घायल हो गए। पुलिस की ओर से किए गए इस बलप्रयोग ने किसानों के बीच और भी आक्रोश पैदा किया है।

सरकार और किसानों के बीच समाधान की कोशिश
हालांकि, डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ने और किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने अब बातचीत के रास्ते खोलने की कोशिश शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय के अधिकारियों और पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं से मुलाकात की है, और इस मामले को हल करने के लिए सहयोग की पेशकश की है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार और किसान संगठन इस मुद्दे पर सहमति बना पाते हैं या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *