जम्मू-कश्मीर के कटरा में शिवखोड़ी और रांसू से तीर्थयात्रियों को लेकर जा रही एक बस पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA) ने शनिवार को एक आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी हाकम खान उर्फ हाकिम दीन के खिलाफ आईपीसी और यूएपीए एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। NIA ने जम्मू स्थित विशेष अदालत में अपना आरोपपत्र पेश किया, जिसमें आरोपी पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं।
आतंकी हमला: एक भयावह रात
यह आतंकी हमला 9 जून 2024 को हुआ था, जब तीर्थयात्रियों से भरी एक बस जम्मू-कश्मीर के कटरा के झांडी मोड़ के पास कांडा पहुंची थी। अचानक, अज्ञात आतंकवादियों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में आठ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई, जिनमें बस चालक भी शामिल था, जबकि 41 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। बस चालक को गोली लगने के कारण बस बेकाबू हो गई और गहरी खाई में गिर गई, जिससे और भी जानमाल का नुकसान हुआ।
हमले का उद्देश्य आम नागरिकों और तीर्थयात्रियों में डर पैदा करना था, ताकि आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा की भावना को कमजोर किया जा सके। यह हमला आतंकवादियों की ओर से एक भयावह इरादा था, जिसे उन्होंने भय और अराजकता फैलाने के लिए अंजाम दिया।
एनआईए की त्वरित कार्रवाई: हाकम खान की गिरफ्तारी
हमले के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने मामले की जांच एनआईए को सौंप दी। एनआईए ने तेजी से जांच शुरू की और ठोस सबूतों के आधार पर हाकम खान को गिरफ्तार किया। आरोपी ने पूछताछ में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि वह इस हमले की साजिश का हिस्सा था। एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि हाकम खान ने हमलावरों को छिपने, खाने-पीने की व्यवस्था करने के साथ-साथ हमले की योजना बनाने में मदद की थी।
साजिश के नए खुलासे: हमले में आतंकी शामिल
एनआईए की जांच में यह पता चला कि इस हमले में कुल तीन आतंकवादियों ने भाग लिया था, जिनमें से हाकम खान ने उन्हें शरण दी और हमले को अंजाम देने के लिए रणनीति तैयार की। उसने हमलावरों के लिए स्थान और हमले की योजना को तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उसने आतंकवादियों को हमले के स्थल की पहचान करने में भी मदद की।
एनआईए ने यह भी खुलासा किया कि हाकम खान ने आतंकवादियों को आवश्यक सामान जैसे कि खाने-पीने का सामान और रहने के लिए स्थान प्रदान किया, ताकि वे बिना किसी रुकावट के हमले को अंजाम दे सकें। इस खुलासे से आतंकवादियों की साजिश के पूरी तरह से योजना बनाने और उसे सफल बनाने के प्रयासों का पता चलता है।
आगे की जांच और कार्रवाई
एनआईए अब मामले में और गहराई से जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की पहचान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस हमले से जुड़े और अपराधियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। एनआईए का कहना है कि उन्हें मामले में और साक्ष्य मिलने की उम्मीद है, जो इस साजिश के मास्टरमाइंड और अन्य अपराधियों को बेनकाब कर सकते हैं।
देश में आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश
इस मामले ने आतंकवादियों के खिलाफ देश की सुरक्षा एजेंसियों की निर्णायक कार्रवाई को उजागर किया है। एनआईए के कामकाज और प्रभावशाली जांच से यह साबित होता है कि भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ी है और किसी भी आतंकवादी गतिविधि को नकारेगी।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी, और जो लोग देश के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, उन्हें किसी भी हाल में बचने नहीं दिया जाएगा।