महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार का आज 84वां जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस खास मौके पर दिल्ली में उनके 6 जनपथ स्थित आवास पर जन्मदिन समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें परिवार और सियासी दुनिया से जुड़ी प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी रही। हालांकि, इस समारोह में सबसे ज्यादा चर्चा उस खास पल की हो रही है, जब शरद पवार ने तलवार से केक काटा। यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई और इसने समारोह को एक अलग ही सियासी रंग दे दिया।
चाचा-भतीजे की मुलाकात: क्या वाकई सियासत से ऊपर है पारिवारिक रिश्ता?
जन्मदिन समारोह से पहले, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपने परिवार के साथ चाचा शरद पवार से मुलाकात की। इस दौरान कई नेता भी उपस्थित थे। अजीत पवार, जो पहले शरद पवार के करीबी सहयोगी रहे हैं, लेकिन हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में शामिल हो गए थे, उन्होंने चाचा से लगभग आधे घंटे तक बातचीत की।
अजीत पवार ने इस मुलाकात को एक पारिवारिक मिलन बताया और कहा कि इसमें कोई राजनीतिक बात नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि कल उनकी चाची का जन्मदिन था, इसलिए वह दोनों से मिलने गए थे। इस मुलाकात के दौरान, जब अजीत पवार अपने घर पहुंचे, तो उनका स्वागत सुनेत्रा पवार ने किया। दोनों के गले मिलने की तस्वीर ने सियासी हलकों में चर्चा को और तेज कर दिया, क्योंकि यह एक बार फिर साबित हुआ कि राजनीतिक रास्ते अलग होने के बावजूद, पारिवारिक रिश्ते आज भी मजबूत हैं।
शरद पवार को मिली बधाईयां: मोदी, खड़गे और अजीत पवार सहित कई नेताओं ने दी शुभकामनाएं
शरद पवार के 84वें जन्मदिन पर देशभर के दिग्गज नेताओं ने उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर उन्हें बधाई दी, साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राकांपा प्रमुख अजीत पवार सहित कई अन्य नेताओं ने शरद पवार को शुभकामनाएं दीं।
राजनीतिक रास्ते अलग हुए, लेकिन पारिवारिक रिश्ते बरकरार
यह मुलाकात खास इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि राजनीतिक रूप से अजीत पवार और शरद पवार के रास्ते अलग हो चुके हैं। अजीत पवार ने जब राकांपा से अलग होकर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया, तो उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली। हालांकि, इस परिवर्तन के बावजूद, शरद पवार और अजीत पवार के बीच पारिवारिक संबंधों में कोई कड़वाहट नहीं दिखी। यही कारण है कि अजीत पवार को शरद पवार के जन्मदिन पर आमंत्रित किया गया, और यह सियासी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया।
शरद पवार की लंबी राजनीतिक यात्रा: क्या इस बार भी उनका जादू चलेगा?
शरद पवार का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प और संघर्षपूर्ण रहा है। 12 दिसंबर 1940 को जन्मे शरद पवार ने कॉलेज के दिनों में ही राजनीति में कदम रखा। वह यशवंतराव चव्हाण के करीबी रहे और उनके मार्गदर्शन में पवार ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। शरद पवार महाराष्ट्र के चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्होंने केंद्र में रक्षा मंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया।
हालांकि, शरद पवार ने कांग्रेस से नाता तोड़ा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठन किया। पिछले कुछ वर्षों में राकांपा के भीतर काफी उथल-पुथल रही है। पिछले साल जुलाई में पार्टी में दरार पड़ी, जब अजीत पवार ने भाजपा का दामन थाम लिया और उन्हें महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनाया गया। इसके बाद चुनाव आयोग ने अजीत पवार के गुट को असली राकांपा के रूप में मान्यता दी, जबकि शरद पवार के गुट को नए नाम और चुनाव चिन्ह चुनने के लिए कहा गया।
राकांपा गुट को मिली हार, लेकिन शरद पवार का प्रभाव अभी भी कायम
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। जहां महायुति ने 235 सीटें जीतीं, वहीं विपक्षी गठबंधन सिर्फ 46 सीटों पर सिमट कर रह गया। इसके बावजूद शरद पवार का सियासी प्रभाव अभी भी महाराष्ट्र में बहुत मजबूत है। पार्टी में अंदरूनी कलह के बावजूद, पवार का नाम आज भी सियासत के सबसे प्रभावशाली चेहरों में शामिल है।
क्या अब महाराष्ट्र में पवार परिवार के बीच सियासी युद्ध होगा?
अजीत पवार और शरद पवार के बीच की पारिवारिक राजनीति पर सभी की निगाहें बनी हुई हैं। हालांकि, इस जन्मदिन समारोह में पारिवारिक रिश्ते को प्राथमिकता दी गई, लेकिन यह सवाल अब उठने लगा है कि क्या आने वाले समय में दोनों के बीच सियासी प्रतिद्वंद्विता और भी तेज होगी? 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र, पवार परिवार के बीच के राजनीतिक समीकरण ने राज्य की सियासत को और भी रोचक बना दिया है।
क्या शरद पवार एक बार फिर अपने मजबूत नेतृत्व के साथ महाराष्ट्र की सियासत में अपनी पकड़ बनाए रखेंगे, या उनके भतीजे अजीत पवार भाजपा के साथ मिलकर राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर करेंगे? आने वाले महीनों में यह सवाल महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।